रांची में 10 जून को हिंसा की घटना मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूछा कि कितनी राउंड फायरिंग हुई, कितने घायल हुए और कितनी की मौत हुई, इसकी जानकारी दें। हिंसा के बाद फसाद के गिरफ्तार आरोपी नवाब चिश्ती की तस्वीर मंत्री के साथ होने के संबंध में सरकार की ओर से कहा गया कि तस्वीर भले ही मंत्री के साथ है, लेकिन कोई जान-पहचान नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि घटना के तार बड़े लोगों के साथ जुड़े हैं, कोई किसी के साथ कैसे फोटो खिंचवा सकता है। वहीं पोस्टर मामले पर कोर्ट ने कहा कि पोस्टर लगाया चाहिए या नहीं, इस पर मैं फैसला नहीं लूंगा, इस मामले पर सरकार जवाब दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक साथ कैसे दस हजार लोग हो गये।
हाईकोर्ट ने विधि व्यवस्था के मद्देनजर सरकार से किये सवाल
इससे एक दिन पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी करते हुए जवाब मांगा था. हाईकोर्ट ने विधि व्यवस्था की खराब स्थिति के मद्देनजर सरकार को लताड़ लगाई थी। कोर्ट ने रिपोर्ट पेश करने को कहा था। हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़ी याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट पकंज कुमार यादव ने दाखिल की है. जानकारी हो कि दायर याचिका में पंकज कुमार यादव ने हैदराबाद के सांसद असददुद्दीन ओवैसी, रांची के उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआइए, ईडी और आयकर आयुक्त को पार्टी बनाया है। अदालत से इस मामले की एनआईए से जांच की मांग की गयी है। इस याचिका में सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम देने की बात की गयी है. जिसमें संगठनों के फंडिंग की बात भी कही गयी है।