मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को घाटशिला पहुंचे। जहां माझी परगना महाल के दो दिवसीय सम्मेलन में शिरकत की। बता दें कि इस सम्मेलन में न केवल झारखंड बल्कि देश के कोने-कोने में फैले आदिवासी संथाल समुदाय के लोगों एवं बांग्लादेश एवं नेपाल के भी संथाली समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। जहां मुख्यमंत्री ने संथाली भाषा में सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा भारत में आदिवासियों में सबसे ज्यादा जनसंख्या संथाली समुदाय का है। उन्होंने कहा कि दलित आदिवासी और अन्य पिछड़ी जातियों के लिए राज्य में अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। बस उन्हें समझने की जरूरत है।
सरकार विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति योजना चला रही है
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के लिए बैंक से लोन का प्रावधान काफी सरल किया है, ताकि आदिवासी समुदाय आगे बढ़कर अपने विकास का मार्ग प्रशस्त कर सके। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार झारखंड के हर तबके के दलित छात्र- छात्राओं के लिए विदेशों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति योजना चला रही है। जेपीएससी का रिजल्ट निकालने के लिए पहले कई- कई साल लगते थे, अब वर्तमान सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है, कि चंद महीनों में ही जेपीएससी का रिजल्ट जारी हो रहा है।
गलवान के शहीद गणेश हांसदा की मां को सौंपा नियुक्ति पत्र
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गलवान के शहीद गणेश हांसदा की मां को नियुक्ति पत्र सौंपा। मौके पर मौजूद राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता एवं चंपई सोरेन ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में बहरागोड़ा, पोटका, घाटशिला और जुगसलाई के विधायक भी मौजूद रहे। वहीं देश के कोने- कोने से जुटे संथाल समुदाय के प्रतिनिधियों का मुख्यमंत्री सहित दोनों मंत्रियों एवं विधायकों ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।