[Team insider] शिव भक्तों के कारनामे देखकर आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे। पूरे झारखंड में मनाए जाने वाला चरक पूजा बोकारो में भी धूमधाम से मनाया गया, जहां शिव भक्तों के हैरतअंगेज कारनामे ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बोकारो के चास प्रखंड के पुंडरू पंचायत में बड़े ही धूमधाम से चड़क सह भोक्ता पूजा मनाया गया। इस दौरान शिव भक्तों ने कई करतब दिखाए, जहां कई भक्त अपने पीठ पर कील चुभाकर शिव भगवान को खुश कर रहे थे तो कोई अपनी जीभ पर कील चुभाकर भगवान को खुश किए। श्रद्धालुओं ने अल्काप के जरिए कई सारे प्रदर्शन भी किए जिसमें भीष्म पितामह के साथ यशु मसीह के किरदार में भी नजर आए।
शिवालयों में भक्तों की उमड़ी भीड़
बताते चले कि बोकारो में धूमधाम से मनाया गया भोक्ता पर्व सह चरक पूजा। चंदनक्यारी, नावाडीह, फुसरो सहित कई जगहों पर शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। शिव मंदिर में भी चरक पूजा धूम धाम से मनाया गया इस मौके पर भक्तों द्वारा पीठ पर लोहे का कील चुभने का प्रथा है, जिन भक्तों की मुराद पूरी होती है, वे 2 दिनों का उपवास रखते हैं। उसके बाद पीठ पर किल चुभोकर उसे रस्सी से बांधकर 40 फीट की ऊंचाई पर ऊंची बांस और पल्ली से अपने आपको बांधकर कई चक्कर लगाते है।
शिव की आराधना में लीन रहते हैं
इस दौरान नीचे परिवार के लोग खड़े रहते हैं और भगवान शिव की आराधना में लीन रहते हैं। श्रद्धालु 40 फीट की ऊंचाई पर कई बार चक्कर लगाने के बाद फिर नीचे उतारा जाता है। इस दौरान भक्तों की काफी भीड़ भी देखी जाती है। कई श्रद्धालु बारी-बारी से घूमते हैं और अपनी मुराद पूरी होने के बाद शिवालयों में प्रसाद और भोग भी चढ़ाते हैं। झारखंड में विशेष तौर पर यह त्यौहार मनाया जाता है।
पुरोहितों ने कहा कई वर्षों से यह यहां कई वर्षों से परंपरा चलता रहा है जहां पर भक्त अपने शरीर को पीड़ा चाहते हुए भी शिव की आराधना करते हैं इस पर्व में एक खासियत या और भी है कि गांव में हिंदू मुस्लिम एक साथ इस पर्व को मनाते हैं और भाईचारे का भी संदेश देते हैं।