[Team Insider] बजट सत्र के अल्पसूचित प्रश्न के दौरान सदन में विधायक प्रदीप यादव ने रांची नगर निगम द्वारा राजधानी रांची के 2000 से अधिक मकानों को नोटिस भेजने का मामला उठाया। जिसको लेकर कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार यह सही कर रही है।क्योंकि CNT एक्ट के उल्लंघन के तहत मकाना बनाए गए है।
प्रदीप यादव ने नियमितीकरण पर दिया जोर
कांग्रेस के ही विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि इसमें आम लोगों की कोई गलती नहीं है। बल्कि नियमितीकरण की ओर सरकार को विचार करना चाहिए। नोटिस की वजह से मकानों और दुकानों के टूटने का भय लोगों को सता रहा है।इस मसले पर मंत्री आलमगिर आलम ने कहा कि सीएम से वार्ता करके रास्ता निकलेंगे।जिसपर प्रदीप यादव ने कहा कि उत्तर संतोषजनक नहीं है। तत्काल नोटिस को रद्द किया जाना चाहिए।उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आपकी अध्यक्षता में बैठक कर इस मामले का हल निकाला जाए।
पैसा उगाही में लगा आरआरडीए
वहीं विपक्ष के भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक और पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि वैसे मकानों को भी नोटिस मिल रहा है। जो आज से 60-70 साल पहले बने हैं। उन्होंने कहा कि आरआरडीए को बिना नक्शा के मकान बनाए जाने पर रोकना चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं करते,क्योंकि उन्हें उगाही करनी होती है।उन्होंने कहा कि अपने मंत्री कार्यकाल में शुल्क लेकर नियमितीकरण का नियम बनाया था। उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार नियमितीकरण इसलिए नहीं करना चाहती।क्योंकि वह सोचती है कि शहर में घर बनाने वाले लोग 1932 के खतयानी नहीं है।
अपनी भलाई के लिए सरकार कर रही है काम
सीपी सिंह ने बजट की राशि खर्च नहीं किए जाने पर भी सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि हर साल बजट आता है और राज्य सरकार कोरोना का रोना रोती हैं। खजाना खाली होने की बात कहती है।उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने की वजह से भी केंद्र से पैसे रुक जाते हैं। इससे झारखंड को घाटा हो रहा है। लेकिन राज्य सरकार को इससे मतलब नहीं है। राज्य का भला हो नहीं या खुद का भला होना चाहिए। इस दिशा में सरकार काम कर रही है।