[Team insider] पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी दौरे पर जमशेदपुर पहुंचे, जहां पर उन्हें पत्रकारों से बात करते हुए राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए खरी खोटी सुनाई। वही उन्होंने कहा कि 27 महीनों का कार्यकाल पूरा हो गया, उसके बावजूद राज्य सरकार ने ऐसा कोई भी काम नहीं किया जिससे उनकी प्रशंसा हो। लूट-खसोट, भ्रष्टाचार की प्राथमिकता बनी हुई है।
खनिज के मामले में भी कहा कि राज्य सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है। बालू एक निम्न स्तर की खनिज संपदा है। उस पर भी राज्य सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है। लोकल स्तर पर निर्माण कार्य करने के लिए जो बालू का उपयोग हो रहा है। उनकी गाड़ियों को भी पुलिस प्रशासन द्वारा पकड़ लिया जा रहा है, जो कि खेदजनक है।
राज्य सरकार को डूबने से कोई नहीं बचा सकता
राज्य सरकार की हालत ऐसी हो गई है कि उसे डूबने से कोई नहीं बचा सकता। माझी की अगर नाव डूब आए, तो उसे कौन बचाए। सुबे के मुख्यमंत्री अपने ही लोगों के नाम से खनन पट्टा आवंटित कर रहे हैं। साथ ही जमीन पर भी इनकी नजर है। केंद्र सरकार के मंत्रियों के झारखंड दौरे वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को क्यों तकलीफ हो रही है। पता नहीं जबकि राज्य में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर हो ही नहीं रहा है, तो फिर इन्हें तकलीफ किस बात की है।
मुख्यमंत्री अलग ही पैटर्न पर चल रहे हैं
वहीं स्थानीय नीति पर कहा कि हमारी जब सरकार थी तो हम लोगों ने स्थानीय नीति बना दी थी मगर सुबे के मुख्यमंत्री अलग ही पैटर्न पर चल रहे हैं। यहां के बच्चे अगर बाहर जाकर पढ़ रहे हैं तो रोजगार कहां करेंगे। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि जो भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा झारखंड से पास नहीं करेगा उसे रोजगार नहीं देंगे।