[Team insider] पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। दरअसल बड़कागांव गोली कांड के दौरान कफन सत्याग्रह किया गया था। इस मामले में छह- छह महीने की सजा सुनायी गयी। इसके साथ ही पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया। मामले की सुनवाई रांची व्यवहार न्यायालय में अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में हुई।
इसके पहले हजारीबाग के बड़कागांव गोली कांड मामले में साव दंपती को दस- दस साल की सजा सुनवाई गयी है। जानकारी हो कि योगेंद्र साव को गोली कांड के कई गंभीर आरोपों के तहत पहले भी जेल भेजा गया है।
बड़कागांव गोलीकांड के दौरान किया था कफन सत्याग्रह
बड़कागांव गोलीकांड 2015 में हुआ था। इस दौरान कफन सत्याग्रह किया गया था। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और पूर्व विधायक निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर एनटीपीसी के खिलाफ बड़कागांव, हजारीबाग में कफन सत्याग्रह आंदोलन किया था।
आंदोलन तेज होने पर प्रशासन और सरकार के साथ कई दौर की बात हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद पूर्व विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पुलिस और ग्रामीणों के बीच पथराव और हिंसक झड़प हुई। इस मामले में योगेंद्र साव पर दो दर्जन से अधिक मामले में दर्ज किये गये थे। इनमें से 11 मामलों में साव बरी हो चुके हैं।