[Team insider] झारखंड की राजनीति गलियारों में इन दिनों स्वास्थ्य विभाग को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। दरअसल निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सूबे के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर वित्तीय अनियमितता और पद का दुरुपयोग करते हुए, स्वयं और अपने करीबी लोगों को प्रोत्साहन राशि लाभ दिलवाने का भी आरोप लगाया है। वहीं आरोप लगाने के बाद मंत्री बन्ना गुप्ता खुद सामने आए और इसका स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें या उनके कोषांग के किसी कर्मी को प्रोत्साहन राशि का कोई भुगतान नहीं किया गया है।
सरयू राय बतायें किस कर्मी को कब कैसे और कहां भुगतान किया गया
वहीं उन्होंने सरयू राय को चुनौती देते हुए कहा कि वे बताएं कि उन्हें तथा उनके कोषांग में किस कर्मी को कब कैसे और कहां भुगतान किया गया है। जिसके बाद सरजू राय ने मंत्री बन्ना गुप्ता का पलटवार करते हुए खुलासा किया कि प्रोत्साहन राशि के भुगतान की सारी प्रक्रिया हो चुकी थी। लेकिन 31 मार्च की रात 11:00 बजे रिजर्व बैंक का सर्वर बंद हो गया और पीएमयू के भुगतान समय से नहीं भेजा जा सका इस कारण पेमेंट नहीं हो सका और राशि लैप्स कर गई।
बीजेपी ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की
वहीं इस मामले में भी अब बीजेपी कूद गई है और पूरे मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है। प्रोत्साहन राशि लेने के आरोपों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज या किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाने की भी मांग की है और मंत्रिमंडल से बन्ना गुप्ता के बर्खास्त किए जाने की मांग की है। ऐसे में कहीं ना कहीं बीजेपी निर्दलीय विधायक सरजू राय को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि इससे पहले 2019 में 4 जुलाई को भाजपा से टिकट नहीं दिया गया था और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हार का स्वाद चखना पड़ा था ऐसे में अब सरजू राय के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ दिख रहे तेवर का कहीं भाजपा फायदा उठाने का तो प्रयास नहीं कर रही है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरयू राय काफी वरिष्ठ विधायक हैं। लेकिन मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए क्योंकि खुद मुख्यमंत्री ही इनलीगल काम कर रहे हैं