[Team Insider] झारखंड सरकार ने किसानों का कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया और कोरोना काल में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राज्य के 3.74 लाख किसानों का 1496 करोड़ रुपये कृषि ऋण माफ हो चुका है। कृषि विभाग की निदेशक निशा उरांव ने मंगलवार को बताया कि झारखंड में ऋण माफी ई-गवर्नेंस मॉडल पर आधारित है। यह पूरी तरह से पेपरलेस है और लाभुक से किसी प्रकार के दस्तावेजों की मांग नहीं की जाती है।
75 प्रतिशत राशि खर्च का लक्ष्य पूरा
उन्होंने बताया कि 1 फरवरी 2021 को योजना की शुरुआत हुई। 1 मार्च 2022 को एक साल और 1 महीने हो गये। इस दौरान 1496 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है। यानी 2000 करोड़ रुपये आवंटन में से 1 साल एक महीने में 75 प्रतिशत राशि खर्च के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। हालांकि वर्ष 2021 के अप्रैल और मई महीने में कोविड-19 लॉकडाउन था। इसके अलावा 2 महीने लगभग तकनीकी त्रुटि के कारण काम रुक गया था। इस तरह से 4 महीने लगभग काम बिल्कुल बंद हो गया। उसके बावजूद 75 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल हो गया। अगर लगातार काम हो पाता, तो आज कम से कम 90 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च हो जाती।
8 से 10 हजार किसानों का बैंक द्वारा गलत
कृषि निदेशक ने बताया कि 8 से 10 हजार किसानों का बैंक द्वारा गलत विवरणी अपलोड करने के कारण ऋण माफी फेल हो गया था। इसका बैंक द्वारा निराकरण कराया जा रहा है। जैसे ही सारी विवरणी को सही तरीके से अपलोड कर दिया जाएगा, किसानों को ऋण माफी का लाभ मिल जाएगा।
6 लाख किसानों का विवरण पोर्टल पर अपलोड
उन्होंने बताया कि ऋण माफी पोर्टल पर बैंक विवरण अपलोड करते हैं। अब तक 6 लाख किसानों का विवरण पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। इस विवरणी के लिए आधार और राशन कार्ड नंबर जरूरी है। आधार कार्ड से सही लाभुक की पहचान हो जाती है और एक परिवार के एक ही सदस्य को योजना का लाभ दिया जाना है।