रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने आज झारखंड मुक्ति मोर्चा पर एक और बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का जब भी झारखंड में आगमन होता है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के खेमे में डर सा समा जाता है। प्रधानमंत्री खरबों रुपए की सौगात देने आ रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार में लिप्त झारखंड मुक्ति मोर्चा को अब भी डर लग रहा है। ये डर स्वाभाविक भी है क्योंकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी अभियान चल रहा है और हेमंत सरकार तो पूरे तरीके से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। लोकतंत्र के लिए यह डर अच्छा भी है।
प्रतुल ने कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों की सबसे बड़ी दुश्मन झामुमो है। प्रतुल ने कहा कि जिन आदिवासी और मूलवासियों को हक देने और नौकरी देने के नाम पर झामुमो सरकार में आई थी, उन्हीं को सबसे ज्यादा इस सरकार में ठगा गया। 5 वर्षों में 25 लाख नौकरियां के जगह हक मांगने निकले आदिवासी मूलवासी छात्रों को लाठियां मिली और फर्जी मुकदमों में फंसाया गया।प्रतुल ने कहा कि खनन लीज की बात हो या जमीन लीज की बात हो सब पर सोरेन परिवार का कब्जा रहा। सब प्रतियोगी परीक्षाएं कदाचार के भेंट चढ़ गई।प्रतुल ने कहा कि हद्द तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री ने माइनिंग मंत्री और मुख्यमंत्री रहते खुद के नाम पर माइनिंग लीज ले ली। हेमंत सरकार पर पिछले 5 वर्षों के कार्यकाल में 70 हजार करोड रुपए के घपले, घोटाले का आरोप लगा है।
प्रतुल ने कहा कि जिस पार्टी ने झारखंड आंदोलन को 3 करोड रुपए में बेच दिया हो वह अब नैतिकता का पाठ पढ़ा रही है। प्रतुल ने कहा की झामुमो के सांसद इतने भोले थे कि तीन करोड़ रुपयों की रिश्वत की राशि को बैंक में रख दिया था। अब सर्वोच्च न्यायालय में यह मामला फिर से खुला है और इस पर सुनवाई चल रही है।प्रतुल ने कहा यह झारखंड को बेचने वाले लोगों की सरकार है और इससे झारखंडों के हित की अपेक्षा करना भी बेमानी है।
प्रतुल ने कहा कि हेमंत सोरेन बेल पर बाहर हैं।लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा ऐसा बयान दे रही जैसे वह दोष मुक्त हो गए ।प्रतुल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट है कि बेल के दौरान की गई टिप्पणियां ट्रायल का हिस्सा नहीं होती।हेमंत सोरेन के मामले में तो अभी ट्रायल शुरू भी नहीं हुआ। फिर वह कैसे बेदाग हो गए ?वैसे भी झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता जानती है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार पिछले 5 वर्षों से सत्ता पर काबिज है।
प्रतुल ने कहा कि झारखंड का जो भी राशि बकाया है वह तो उसे मिलकर रहेगा और अब इस पर तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया। लेकिन हेमंत सोरेन को ये बताना चाहिए कि इस राशि का कितना बकाया केंद्र की एनडीए सरकार के दौरान था और कितना पैसा उनके सहयोगी दल कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान था। साथ-साथ यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि शिबू सोरेन जब कोयला मंत्री थे तो उस समय उन्होंने इस पैसे को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाया था? प्रतुल ने कहा झारखंड मुक्ति मोर्चा बकाया राशि की चिंता छोड़ दे। जब प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की बनेगी तो जो भी झारखंड का वाजिब हक है ,वह ले लिया जाएगा। जिस सरकार के कार्यकाल में सिर्फ लूट और खसोट हुआ है, वह अब बकाया राशि को भी लूटने हेतु गिद्ध दृष्टि लगाकर बैठी है।