बीजेपी में शामिल हुए झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के असर को कम करने के लिए अब JMM ने नई रणनीति बनाई है। दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर झामुमो चंपाई सोरेन का नाम लेकर सीधा हमला करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर ये भी कोशिश की जा रही है कि संगठन की मजबूती बरकरार रहे।
पिछले दिनों चंपाई सोरेन सरायकेला में कोल्हान प्रमंडल में दौरा करने पहुंचे थे, इस दौरान वहां के लोगों ने भी चंपाई का पूरा समर्थन दिया था। लेकिन बीजेपी का कोई भी बड़ा चेहरा चंपाई के साथ नहीं पहुंचा। इधर झामुमो ने अब नई चाल चलते हुए चंपाई के गृहक्षेत्र में अपने तमाम कद्दावर नेताओं को उतारा है। ये नेता क्षेत्र में कैंप करके मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है।
भाजपा जहां आदिवासी स्वशासन व्यवस्था की बात कर रही है, तो वहीं झामुमो का कहना है कि आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों के महत्व का उन्हें एहसास है। सरायकेला की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन, दीपक बिरुवा, सिंहभूम की सांसद जोबा मांझी के साथ अन्य विधायकों को दी गई है। इसके साथी झामुमो के महासचिव विनोद पांडे भी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में स्थानीय कमेटी की बैठक की थी, जिसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर फीडबैक लिया था।