उत्तरप्रदेश से बाहुबलि पूर्व सांसद व डॉन मुख्तार अंसारी पहले से ही उम्रकैद की सजा काट रहा है। लेकिन उसके गुनाहों की सुनवाई अभी भी जारी है। झारखंड के व्यवसायी महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में साढ़े पांच साल की सजा दी गई है। वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए 5 साल 6 माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मुख्तार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
1997 का है मामला
दरअसल, महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने का मामला 1997 का है। तब 22 जनवरी 1997 को महावीर प्रसाद रुंगटा के भाई नंद किशोर रुंगटा की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था। अभी मामले की जांच चल ही रही थी कि 5 नवंबर 1997 की शाम महावीर प्रसाद रुंगटा को लैंडलाइन पर धमकी दी गई। धमकी में कहा गया कि नंद किशोर रुंगटा हत्याकांड में पुलिस या सीबीआई के सामने कुछ न कहें। धमकी देने वाले ने पूरे परिवार को बम से उड़ाने की बात भी कही। इसके बाद भेलुपूर थाना में 1 दिसंबर 1997 को मामला दर्ज हुआ और इस मामले में 3 जुलाई 1998 को मुख्तार के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया।
आपको बता दें कि अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके अलावा पांच अन्य मामलों में भी मुख्तार को सजा सुना दी गई है। महावीर प्रसाद रुंगटा के मामले को जोड़ने पर यह सातवां मामला है, जिसमें मुख्तार को सजा सुनाई गई है।