गिरीडीह: सूबे में पहली बारिश में ही एक करोड़ रुपये की लागत से बनी तालाब बह गयी। बता दें एक करांड़ में इस तालाब के जीर्णोद्धार की स्वीकृति हुई थी, लेकिन राज्य में हुई मूसलाधार बारश के बाद यह तालाब बनते ही बह गया, जबकि अभी पूरा बरसात बाकी है। इस घटना को लेकर भाजपा नेता देवनाथ राणा ने कहा कि निर्माणाधीन तालाब पहली बरसात को बर्दास्त नहीं कर सकी। तब तो तय है कि जब शुरुआत में ही ये हाल है तो पूरा बरसात में तालाब में हुए काम का नामोनिशान भी नहीं बचेगा।
इस प्रकार नए निर्मित तालाब के पहली बारिया में ही दम तोड़ देने से साफ जाहिर होता हैं कि माले ठेकेदार और सबंधित अधिकारी की मिलीभगत से कार्य में अनियमतता बरती गई है। इसे लेकर भाजपा ने पहले भी ठेकेदार को लापरवाह तरीके से निर्माण कराने की बात कही थी। बावजूद इसके आम पब्लिक को न सुनकर माले की बात को सुनते हुए जैसे-तैसे काम को पूरा कराया था। आगे उन्होनें कहा कि 2012 में इसी तलाब में डैम का निर्माण हुआ था वो भी बह गया। इसके बाद 2023 में फिर से टेंडर निकला कार्य शुरू हुआ और फिर से बह गया, इसमें माले और अधिकारी के साथ ठीकेदार की गठजोड़ हैं इसे नकारा नहीं जा सकता।