राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने और लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ को लेकर बिहार में सियासत गर्म हो गई है। बिहार में रादज और कांग्रेस के सहयोग से साझा सरकार चला रही जेडीयू ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार बताया है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं और केंद्र की सरकार हताशा और बौखलाहट में इस तरह की कार्रवाई कर रही है। देश की जनता सब देख रही है और समय आने पर हिसाब चुकता करेगी।
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केंद्र की सरकार हताशा में कार्रवाई कर रही
ललन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में 24 घंटे के भीतर लिए गए फैसले साबित हो गया है कि केंद्र की सरकार हताशा में आ गई है और बौखलाहट में इस तरह की कार्रवाई कर रही है। 10 घंटे के भीतर अगर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए तो साफ झलकता है कि इसमें केंद्र सरकार की कहीं न कहीं भूमिका है। देश की जनता सबकुछ देख रही है, 2024 में सबका हिसाब लेगी। वहीं लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव से सीबीआई की पूछताछ पर ललन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के साथ जो हो रहा है वही तेजस्वी यादव के साथ भी हुआ है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जांच के बाद केस बंद कर दिया था लेकिन जब 2022 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए तब फिर से बंद हो चुके मामले को खोला गया और कार्रवाई शुरू कर दी गई। पूरी तरह से साफ हो गया है कि केंद्र की सरकार सीबीआई, ईडी समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों को गलत इस्तेमाल कर रही है।
देश में लगी है अघोषित इमरजेंसी
ललन सिंह ने बताया कि 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा है कि जिस तरह से केंद्र की सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आयकर का इस्तेमाल कर रही है उसपर ध्यान दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पांच अप्रील को इस मामले की सुनवाई करेगा। ललन सिंह ने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी लागू हो गई है और सभी संस्थाओं को समाप्त किया जा रहा है। वहीं बीजेपी की तरफ नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण को तोड़ने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2014 में देश के प्रधानमंत्री बहुत ही पॉपुलर थे और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ था, उसमें क्या हाल हो गया था। जितना समीकरण जोड़ना है जोड़ते रहें, देश की जनता बीजेपी का चेहरा पहचान चुकी है।