राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पिछले दिनों पलामू कोर्ट से बरी होने के बाद एक बार फिर से उन्हें अदालत का चक्कर लगाना पड़ा। दरअसल लालू यादव पर 2015 में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है जिसे लेकर हाजीपुर व्यवहार न्यायालय से है एसीजेएम वन स्मिता राज की अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने लालू प्रसाद यादव से पूछा कि आप पर जातिसूचक शब्द के प्रयोग का आरोप है जिस पर लालू यादव ने साफ तौर से इंकार कर दिया। अदालत ने उनसे आगे पूछा कि आप इस मामले में क्या कहना चाहेंगे जिस पर उन्होंने कहा कि राजनीति के तहत यह मामला लाया गया है। बात दें कि लालू प्रसाद यादव सुबह 7:50 के करीब थे और 8:10 के करीब लालू प्रसाद यादव वालों से बाहर आ गए इस दौरान सीआरपीसी 313 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया है।
क्या है मामला
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री वह आरजेडी संस्थापक लालू प्रसाद यादव हाजीपुर में सशरीर उपस्थित हुए। 2015 में एक आचार संहिता उल्लंघन का मामला हाजीपुर एसीजेएम वन स्मिता राज की अदालत में चल रहा है। आरोप है कि 27 सितंबर 2015 को राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के तेरसिया दियारा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते समय लालू प्रसाद यादव ने जातिसूचक टिप्पणी किया था। जिसके आधार पर 2 दिनों बाद 29 सितंबर 2015 को तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर के बयान पर गंगा ब्रिज थाने में मामला दर्ज किया गया था। विभिन्न धाराओं में दर्द इस मामले में 23 अप्रैल 2022 को अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के बाद लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी थी।
लालू प्रसाद यादव पर जातिसूचक टिप्पणी का था आरोप
हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में चल रहे मामले में लालू प्रसाद यादव की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि यह मामला 27 सितंबर 2015 का है। जिसमें लालू प्रसाद यादव पर जातिसूचक टिप्पणी का आरोप था। इसमें प्रॉसीक्यूशन का कहना है कि उन्होंने इस मीटिंग को एड्रेस के दौरान जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया था। जिससे जातियों में वैमनस्य पैदा होने की संभावना है। यही आरोप लगाया गया था। इस पर चार्जशीट दाखिल किया गया। इसके बाद गवाही कराई गई और इस मामले में आज लालू प्रसाद यादव का स्टेटमेंट दर्ज हुआ है। कोर्ट में लालू प्रसाद यादव ने मामले का डीनाइ किया है।
कार्रवाई के दौरान अदालत ने उनसे पूछा कि आप पर जातिसूचक टिप्पणी का आरोप है जिस पर उन्होंने कहा कि ऐसा मैंने नहीं कहा था। इसके बाद कोर्ट ने उनसे कहा कि आप इस विषय पर क्या कहना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रंजिश के तहत मामला लाया गया है। एडवोकेट श्याम बाबू राय ने आगे बताया कि बयान दर्द होने के बाद। मामले की सरकारी पक्ष का काम हो चुका है। आगे अदालत की प्रक्रिया चलेगी।