रांची : धनबाद, चक्रधरपुर, आद्रा और खड़गपुर रेल डिवीजन में लोको पायलट यानी ट्रेन ड्राइवर 200 किमी तक ट्रेन चलाते हैं और उसके बाद 16 घंटे का रेस्ट ले रहे हैं। लेकिन रांची रेल डिवीजन के लोको पायलट ‘मजा मा’ (मजे में) हैं। वे केवल छह किमी यानी रांची से हटिया तक ट्रेन चलाकर कहते हैं कि ड्यूटी पूरी हो गई। उसके बाद 16 घंटे का रेस्ट ले रहे हैं। स्थिति यह है कि रांची रेल डिवीजन में लोको पायलट दो से तीन घंटे ही ड्यूटी बजा रहे हैं।
डीआरएम ऑफिस के बाहर विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि ये मनमानी खत्म करने के लिए ट्रेन ऑपरेशन विभाग ने ट्रेन ड्राइवरों को ड्यूटी के घंटे बढ़ाने के लिए कहा तो लोको पायलट एसोसिएशन ने विरोध कर दिया और डीआरएम ऑफिस के बाहर 15 दिनों तक विरोध-प्रदर्शन किया। जब इस विरोध प्रदर्शन से भी रेल प्रशासन अपने फैसले को नहीं बदला तो लोको पायलट ने अपने घर से महिलाओं को डीआरएम ऑफिस में विरोध के लिए भेजा। उन लोगों के घर से महिलाओं ने जमकर नारेबाजी की। यहां तक रेलवे के कंट्रोल रूम जहां पर जाने की किसी को अनुमति नहीं है।