RANCHI : सनातन संस्कृति मान्यता के अनुसार करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला अखंड सुहाग के कामना के साथ सुहागिनों के द्वारा मनाया जाने वाला निर्जला व्रत है। इसी के तहत बीते बुधवार को राजधानी रांची के महिलाओं के द्वारा करवा चौथ के अवसर पर सामूहिक रूप से पारंपरिक और विधि विधान के साथ विशेष तौर पर बाबा भोलेनाथ और माता की गौरी की पूजा और अर्चना की गई।
करवा चौथ से जुड़ी कथा एवं सच्चे हृदय से पति की लंबी आयु की कामना के साथ पारंपरिक गीत का गायन किया। विवाहित महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करने के बाद चांद निकलने के उपरांत चांद को पारम्परिक चलनी से चांद को देखते हुए अपने पति का दीदार मन में अखंड सौभाग्य की कामना के साथ करती हैं और पति के हाथों जल ग्रहण कर उपवास खोलती हैं। मौके पर महिलाव्रती ने बताया कि करवा चौथ के व्रत का पूरा विधान कि अपने पति की दीर्घायु होने की कामना के साथ इस व्रत को सच्चे मन से हम सुहागन करती हैं।