[Team insider] पूरे देश में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। इसे लेकर राज्य में भी कई पाबंदियां लगने शुरु हो गये हैं। पाबंदियों के बाद भी धनबाद में कोरोना विस्फोटक रूप धारण कर लिया है। साल के पहले दिन से ही धनबाद में लगातार 100 से अधिक मरीज पाये जा रहे हैं। फिलहाल जिले में एक्टिव केस की संख्या लगभग 600 हो चुकी है। धनबाद रेल मंडल के DRM समेत कई पदाधिकारी एवं कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके हैं। इसके बावजूद धनबाद रेलवे स्टेशन में कोरोना की जो व्यवस्था है वह काफी चौंकाने वाली है। धनबाद रेलवे स्टेशन में पहुंचने वाले सभी यात्रियों की जांच ही नहीं हो पा रही है। ज्यादातर यात्री ट्रेन से उतरने के बाद अपने घर की ओर चले जा रहे हैं। बता दें कि धनबाद रेलवे स्टेशन देश के लगभग सभी स्टेशनों को जोड़ती है। जहां प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं। ऐसे में आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
पारा मेडिकल कर्मी के लिए जलपान तक की व्यवस्था नहीं
यहां की व्यवस्था की बात करें तो वैसे पारा मेडिकल कर्मी है जो सुबह के 5:00 बजे अपने घरों से आकर कोविड-19 जांच प्रक्रिया में जुटते हैं उनके लिए जलपान तक की व्यवस्था नहीं कराई गई है। इसके अलावा मजिस्ट्रेट की भी काफी कमी है। एक या दो मजिस्ट्रेट के भरोसे चौबीसों घंटे जांच की प्रक्रिया को संपन्न नहीं कराई जा सकती है। इसके अलावा स्थानीय जिला पुलिस के जवान और आरपीएफ के जवानों की संख्या में भी वृद्धि करने की आवश्यकता है। जांच स्थल पर महज आरपीएफ के जवान ही नजर आए जिला पुलिस का कोई पदाधिकारी अथवा जवान नजर नहीं आया। ऐसे में स्टेशन परिसर में तैनात मेडिकल ऑफिसर ने अपनी मजबूरियों को कुछ इस तरह से बयां की।
जबकि स्टेशन प्रबंधक रत्नेश कुमार ने बताया कि अपनी पूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करते हुए धनबाद रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों की जांच की जा रही है पश्चिम बंगाल नई दिल्ली महाराष्ट्र एवं दक्षिण भारत से आने वाले की सघन जांच की जा रही है।