विपक्षी गठबंधन में सीट शेयरिंग ऐसा मुद्दा है, जिस पर हर दल कांग्रेस से टकरा रहा है। बिहार में नीतीश कुमार की जदयू हर हाल में सीटों का बंटवारा जल्दी चाहती है। लेकिन कांग्रेस है कि मानती नहीं। तो दूसरी ओर जदयू ने अपने लिए दूसरे विकल्पों की तैयारी भी पूरी कर रखी है। विपक्ष का कुनबा बढ़ना भले ही कांग्रेस की सीट शेयरिंग पर निर्भर करे लेकिन जदयू ने अपनी ताकत बढ़ाने और उसके नुमाइश की संभावनाओं की तलाश जारी रखी है। खबर यह है कि जदयू लोकसभा चुनाव में बिहार के अलावा झारखंड में भी किस्मत आजमाना चाहती है।
टूटने लगा JDU का सब्र, सीट शेयरिंग पर भाजपा की तारीफ
दरअसल, जदयू का झारखंड से लगाव पुराना है। कभी झारखंड की 80 में से 7 सीटों पर जदयू के विधायक थे। आज नहीं हैं। लेकिन जदयू ने राज्यसभा से जब आरसीपी सिंह का पत्ता काटा तो उनके बदले राज्यसभा भेजे जाने वाले खीरू महतो झारखंड के ही रहने वाले हैं। पार्टी के झारखंड प्रभारी व बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि जदयू झारखंड चुनाव में भी किस्मत आजमाएगी। यह किस्मत लोकसभा चुनाव में आजमाई जाएगी या विधानसभा चुनाव में यह तो अशोक चौधरी ने खुलकर नहीं बताया। लेकिन जरुर कहा कि झारखंड में कभी JDU के 7 MLA हुआ करते थे। वहां भी CM नीतीश कुमार रैली करेंगे।
अशोक चौधरी का दावा है कि जदयू में ‘झारखंड के कार्यकर्ता चाहते हैं कि सीएम नीतीश का झारखंड दौरा हो। हम झारखंड में चुनाव भी लड़ेंगे लेकिन अभी संगठन को मजबूत करने पर हमारा ध्यान है। अब जाहिर है कि नीतीश कुमार के पार्टी के यह तेवर भले ही लोकसभा चुनाव में प्रभावी न हों। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू का यही तेवर सीएम हेमंत सोरेन का मुश्किल में डाल सकता है। क्योंकि राजद को तो जैसे तैसे हेमंत सोरेन ने वहां मैनज कर रखा है, जदयू को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है।