पटना में जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की पहल से नीरा सेंटर का उद्धाटन किया गया है यह सेंटर गांधी मैदान स्थित बिस्कोमान भवन के नीचे है। जहां एक गलास नीरा की कीमत 20 रुपये बताई जा रही है। नीरा सेंटर के उद्धाटन के दौरान वहां जिला अधिकारी के अलावा बड़ी संख्या में आम जनता मौजूद थे। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि नीरा उत्पादन को लेकर बिहार सरकार भी पहल कर रही है जो भी लोग मीरा के क्षेत्र में व्यापार करते हैं या करने के बारे में सोचते हैं तो सरकार उन्हें सहायता राशि भी उपलब्ध करवाती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे जिले मे 211 काउंटर खोले गए है। और भी खोलने की योजना है। वहीं प्रति दिन 10-12 हजार लीटर नीरा की बिक्री हो जाती है, इस बार 5 लाख लीटर बेचने की योजना है, जिसमे 2 लाख लीटर बेची जा चुकी है।
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नीरा के सेवन से कई समस्याएं होती है दूर
दरअसल, ताड़ और खजूर के पेड़ से निकलने वाले ताजे रस को नीरा कहा जाता है। जब यही रस काफी देर तक बाहर रह जाता है तो इसमें फर्मेटेशन( खमनीकरण) हो जाता है तो ये ताड़ी बन जाता है। नीरा पीने से ताजगी महसूस होती है। जबकि ताड़ी पीने से हल्का नशा होता है ।नीरा पीने में मीठा होता है जबकि ताड़ी खट्टा और कड़वा लगता है नीरा में 84.72 फीसदी जल रहता है जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 फीसदी, प्रोटीन-0.10 फीसदी, वसा-0.17फीसदी, मिनरल-0.66 फीसदी होता। मिनरल्स में कैल्शियम,आयरन,पोटैशियम,सोडियम और फॉस्फोरस की भरपूर मात्रा होती है।
साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है यानि 100 ml नीरा से 110 कैलोरी एनर्जी मिलती है । नीरा न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय है ये पानी से कुछ ही भारी होता है। नीरा का सेवन करने से कब्ज और पेट के रोग दूर होते हैं। नीरा के सेवन में खून में हीमोग्लोबिन की बढ़ोत्तरी भी होती है। इसलिए खून की कमी वाले रोगियों के लिए ये लाभकारी होता है।