बिहार में सरकारी जॉब का मतलब ही आराम है। देर आना जल्दी आना, दिल जब भी करें छुट्टी ले लो। काम करने की भी कोई जल्दी नहीं होती। आम जनता को छोटी सी काम के लिए भी कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने होते है। हालांकि अब यह धारणा बदलनी शुरु हो गई है। इसकी शुरुआत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने की। के के पाठक के द्वारा स्कूल, कॉलेजों का लगातार निरीक्षण करवाया गया, हालांकि कई बार के के पाठक भी निरीक्षण करते देखे गए, और लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई भी गई। जिसके बाद अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मुख्य सचिवालय में निरीक्षण लगातार दो दिनों से निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं आज पटना के डीएम द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान गायब अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई है।
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अनुपस्थित कर्मियों का कटा वेतन
दरअसल, पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह को लगातार शिकायत मिल रही थी कि कलेक्टर ऑफिस में कर्मचारी देर से आते है। इससे आमलोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें घंटो इंतजार करना पड़ता है।, वहीं बुधवार की सुबह कुछ लोग कर्मचारियों के लेट आने की शिकायत लेकर डीएम ऑफिस पहुंच गए। लोगों की शिकायत सुनने के बाद आज पटना डीएम खुद निरीक्षण के लिए कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंच गए। कलेक्टर ऑफिस के विभिन्न शाखाओं का डीएम ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालय में 81 कर्मी अनुपस्थित थे। जिनके एक दिन का वेतन काट लिया गया है इसके साथ ही उनसे जवाब भी मांगा गया है।
बता दें कि, पटना समाहरणालय में कुल 301 कर्मचारी कार्यरत हैं जिसमें 81 कर्मचारी ऑफिस से गायब मिले। करीब 10 बजकर 40 मीनट तक 81 कर्मचारी ऑफिस नहीं आए थे। जिसके बाद पटना डीएम ने गायब कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए उनके एक दिन का वेतन काटा। साथ ही नदारद रहे कर्मी को कारण बताओं नोटिस जारी किया। इन कर्मचारियों की तरफ से यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।