बिहार की राजधानी पटना में मानसून की पहली बरसात ने उन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है, जो नगर निगम और नगर विकास विभाग करता रहा है। बारिश होते ही शहर के कई इलाकों में हालात बदतर हो गए हैं। कदमकुआं में एक बार फिर जलजमाव का नजारा दिख रहा है। राजेंद्र नगर में भी यही हालात हैं। रोड नंबर 2 की स्थिति तो बदतर हो गई है। लोगों को 2019 में हुए जलजमाव की याद आने लगी है। तो दूसरी ओर शहर में कई सड़कें या तो धंस गई हैं या धंसने की आशंका गहरा गई है।
नमामि गंगे की खुदाई ने सड़कों की हालत बिगाड़ी
पटना में चल रहे नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत खुदाई ने सड़कों की हालत और बिगाड़ दी है। बिना आगे पीछे सोचे हुई इस खुदाई का असर ये हो रहा है कि जहां तहां सड़कें धंस रही हैं। पटना के वीरचंद पटेल पथ के पास कई जगह जमीन धंस गई है। वीरचंद पटेल पथ स्थित जज आवास के पास खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई गई थी और ऊपर से मिट्टी से भर दिया गया था। शुक्रवार की सुबह जस्टिस संदीप कुमार को जब उनकी फोर व्हीलर गाड़ी लेने पहुंची, तो वो हादसे का शिकार हो गई और थोड़ी जमीन के अंदर घुस गई। काफी मशक्कत के बाद गाड़ी को बाहर निकाला गया।
ड्रेनेज सिस्टम फेल
मानसून की पहली बारिश में पटना नगर निगम का ड्रेनेज सुधारने का सिस्टम फेल होता हुआ दिखाई दे रहा है। पटना के निचले इलाकों के अलावा रिहायशी इलाकों में भी जल जमाव की समस्या देखी जा रही है। कदम कुआं में जगत नारायण रोड, लोहानीपुर सहित अन्य इलाकों में बारिश होते ही जलजमाव की स्थिति हो गई है।