JAMSHEDPUR : एक तरफ पूरे देश में शौच मुक्त अभियान चल रहा है वहीं दूसरी तरफ जमशेदपुर के बर्मा माइंस हरिजन बस्ती के लोग खुले में शौच के लिए विवश हैं। ऐसी बात नहीं है कि यहां शौचालय नहीं है। यहां दस कमरों वाला शौचालय है, मगर इसकी कोई गारंटी नहीं है कि शौच करने गया व्यक्ति सही- सलामत बाहर आएगा या नहीं। मतलब शौचालय पूरी तरह से जर्जर हो चुका है जो कभी भी मालवों में तब्दील हो सकता है।
इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी को अवगत कराया है। मगर इस दिशा में किसी ने पहल नहीं की है, जबकि कंपनी से सटा टाटा स्टील का ट्यूब डिवीजन है। कंपनी चाहे तो CSR के तहत हरिजन बस्ती के शौचालय का जीर्णोद्धार करा सकती है, मगर ना तो कंपनी, ना ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है। नतीजन सोमवार को बस्तीवासी जिला मुख्यालय पहुंचे और उपायुक्त से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपते हुए शौचालय को दुरुस्त करने की मांग की है। बस्ती वासियों ने बताया कि बस्ती में शौचालय का एकमात्र प्रबंध यही है। इसके जीर्णशीर्ण होने की स्थिति में महिला पुरुष बच्चे सभी खुले में शौच को जाने को विवश है।