शराबबंदी वाले बिहार में एक से बढ़कर एक कारनामें दखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां प्रशासन शराबबंदी कानून को लेकर सख्ती से कार्रवाई करने में जुटी हुई है। उत्पाद विभाग की टीम शराब पीने वालों और शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई को तेज किया है। लेकिन कुछ पुलिसकर्मी इस कानून की आड़ में छुप कर मौज काट रहे हैं। ऐसा की कुछ मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है।
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कार्रवाई की मांग
मुजफ्फरपुर में शराब से जुड़े एक मामले में जब्त की लग्जरी गाड़ियां नीलामी से छिपाकर थाने की पुलिस ऐश कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार इन गाड़ियों का उपयोग सरकारी से लेकर गैरसरकारी कामों में किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर में उत्पाद विभाग ने इसका खुलासा किया है। उत्पाद विभाग के अधीक्षक ने एसएसपी को पत्र भेजकर ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है। जिसके बाद एसएसपी ने सभी थानेदारों 24 घंटे के अंदर कोडिंग से वंचित सभी वाहनों का ब्योरा उपलब्ध करने को कहा है, ताकि इससे उत्पाद विभाग के अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया जा सके।
ऐसे हुआ खुलासा
दरअसल ये मामला तब सामने आया जब शराबबंदी कानून के तहत जब्त की गयी एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए वाहन मालिक से आवेदन दिया। 31 दिसंबर 2021 से पहले जब्त हुई गाड़ियों को मुक्त करने के लिए वाहन मलिक ने उत्पाद विभाग में आवेदन किया था। इसके बाद जब वाहन की तलाश की गई तो पता चला की पुलिस वाले उस वाहन का उपयोग कर रहे हैं। उत्पाद विभाग की जांच में सारी सच्चाई सामने आई।