[Team insider] भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर सुरेश सिंह मुंडा और एरिया कमांडर लोदरो लोहरा मंगलवार को विधिवत रांची जोनल आईजी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आईजी अभियान और जोनल आईजी के सामने सरेंडर किया। रांची के आईजी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम सरेंडर किया। सुरेश मुंडा खूंटी जिले का है। इस पर राज्य सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित रखा है। वहीं लोदरो पर दो लाख का इनाम है। सुरेश ने हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन के साथ शुरुआती दिनों में काम किया था। बाद में इसे संगठन ने चाईबासा के पोड़ाहाट इलाका में भेजा था।
जानवरों के जैसा जिंदगी जीने से अच्छा है कि मुख्यधारा वापस लौटे
वही सरेंडर किए नक्सली सुरेश सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार की जो सैरेंडर पॉलिसी है, वह बहुत बढ़िया है। झारखंड सरकार का सैरेंडर पॉलिसी के तहत लोग भी आगे आए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में वापस लौटें। वही कहा कि पार्टी अपने सिद्धांत से भटक गई है। जंगल में जानवरों के जैसा जिंदगी जीने से अच्छा है कि मुख्यधारा वापस लौटे और अपने परिवार के साथ मिलजुल कर रहे।
झारखंड पुलिस और सिर्फ सीआरपीएफ को मिल रही है सफलता
झारखंड आईजी अभियान एवी होमकर ने कहा कि पुलिस और सीआरपीएफ के टीम को बड़ी सफलता मिली है। झारखंड डीजीपी के दिशा निर्देशों के नेतृत्व में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और इंटेलिजेंस एजेंसी के द्वारा झारखंड को नक्सलवाद मुक्त करने के लिए नक्सलवाद के विरोध लागातार कार्रवाई की जा रही है और इसमें सटीक सूचना आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं। जिसमें कई बड़ी सफलता विगत दिनों में झारखंड पुलिस और सिर्फ सीआरपीएफ को मिल रही है।
पुनर्वास नीति के प्रचार प्रसार कई बड़े कर रहे हैं नक्सली आत्मसमर्पण
चाहे वो लोहरदगा, लातेहार, गुमला, पलामू सीमा क्षेत्र हो। पारसनाथ और सरायकेला क्षेत्र में हो कई सारे नक्सली कमांडर पकड़े गए हैं या मुठभेड़ में मारे गए हैं। पुलिस के अभियान के क्रम में बहुत बड़ी मात्रा में हथियार अन्य सामान बरामद किए गए हैं। इन पुलिस कस्टडी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का हिस्सा रहा है। इस पुनर्वास नीति का प्रचार प्रसार को लेकर सीआरपीएफ और इंटेलिजेंस के द्वारा लगातार क्षेत्रों में किया जा रहा है। जो नक्सली समाज मुख्यधारा से भटक कर हिंसा के रास्ते में चल रहे हैं, उनके घरों तक हम लोग पहुंच रहे हैं और घर वालों और गांव वालों को भी इस नीति के बारे में समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे हमें लगातार सफलता भी मिल रही है। विगत दिनों में कई सारे कई बड़े नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।