JAMSHEDPUR : अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन झारखंड के कोल्हान प्रमंडल आंदोलन की तैयारी कर रहा है। जिसके तहत दवा के खुदरा और थोक विक्रेता का लाइसेंस सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के नाम से जारी किए जाने की मांग हो रही है। एसोसिएशन का कहना है कि दवा के उपयोग से मरीज को क्या फायदा होगा, क्या नहीं इसकी जानकारी सिर्फ एक फार्मासिस्ट को होती है। झारखंड में फार्मेसी की 56 कॉलेज खुल गए है और पिछले 4 साल में करीब छह हजार से ज्यादा फार्मासिस्ट का निबंधन झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल में हुआ है। लेकिन पिछले 23 वर्षों से झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की नियमित बहाली नहीं हुई है। एक तरफ जहां झारखंड सरकार फार्मेसी शिक्षा को बेहतर कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बेरोजगार फार्मासिस्ट की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। झारखंड सरकार द्वारा फार्मासिस्ट की अनदेखी करने से आगे बेरोजगार शिक्षित की संख्या में बढ़ोतरी होगी।