शिक्षा सिर्फ विषय आधारित ज्ञान तक सीमित न होकर विद्यार्थियों के लिए व्यक्तित्व निर्माण और समग्र विकास में सहायक हो इसके प्रयास जारी है। नई शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों में भी इसे शामिल किया गया है। एनसीआरटी द्वारा 2022 में स्कूली छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर आधारित सर्वेक्षण कराया गया। जिसमें यह पता चला कि छात्र अध्ययन और परीक्षाओं के संबंध में चिंतित रहते हैं और मनोदशा में परिवर्तन भी महसूस करते हैं। यह स्कूली बच्चों के अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बच्चों की देखभाल की आवश्यकता को दर्शाता है।
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40 हजार शिक्षकों का उन्मुखीकरण पूरा
कोरस्टोन द्वारा आयोजित कार्यक्रम “प्रमोटिंग एडोलसेंट वेलवींग इन एवरी स्कूल : बिहार लीड्स द वे” सम्मेलन में मुद्दों पर चर्चा हुई, जहां किशोरों के आंतरिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद्, बिहार के निदेशक ने कहा कि छात्रों के कल्याण को बढ़ावा देना उनके मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा की प्राप्ति और समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। एनईपी 2020 भी इसी बात की चर्चा करता है। इसे सुनिश्चित करने में स्कूल और शिक्षकों की भूमिका का महत्व बहुत अधिक है। हमारे द्वारा 40 हजार शिक्षकों का पहला उन्मुखीकरण हाल ही में पूरा किया गया है।
2013 से कार्यक्रम जारी
कॉरस्टोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव लेवेंथल ने कहा कि 2013 से हम पूरे बिहार में हजारों छात्रों और शिक्षकों तक पहुंचे हैं। इसके लिए व्यापक रूप से प्रमाणों का दस्तावेजीकरण किया है। यह कार्यक्रम किशोरों के भावनात्मक समुत्थान, मानसिक और शारीरिक कल्याण और शिक्षा के परिणामों को प्रभावित करता है। इसके लिए हम बिहार सरकार के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने हमें हर कदम पर सहयोग दिया है। इस अवसर पर पैनल चर्चा भी हुई। चर्चा का शीर्षक “स्कूलों को खुशहाल रखना/सुनिश्चित करना कि स्कूल कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सहायक तंत्र बनें: क्यों और कैसे”। पैनलिस्ट में एनसीआरटी मानोदर्पण सेल से डॉ. रुचि शुक्ला, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन की सह-लेखिका डॉ. सुष्मिता चक्रवर्ती, द ग्लोबल एजुकेशन एंड लीडरशिप फाउंडेशन से मिस दीनू रहेजा और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया डॉ. मोनिका अरोड़ा शामिल थीं।
छात्र और शिक्षक कौशल और ज्ञान प्राप्त करेंगे
कॉरस्टोन इंडिया फाउंडेशन की कंट्री डायरेक्टर नंदिता भाटला ने कहा कि मुझे यकीन है कि यह साझेदारी पहला कदम है कि बिहार में प्रत्येक छात्र और शिक्षक कक्षा के अंदर और बाहर पढ़ने और अपने जीवन को बदलने के लिए कौशल और ज्ञान प्राप्त करेंगे। हम बिहार शिक्षा विभाग के साथ अपनी लंबे समय से चली आ रही साझेदारी की सफलता को उजागर करने के लिए उत्सुक हैं। साथ ही भारत में अन्य राज्यों में इस काम का विस्तार करने के लिए दूसरों के साथ सहयोग करने की आशा करते हैं।