[Team Insider]: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी थरुहट के प्रत्येक गांव में कोविड (Covid) के नियमों का पालन करते हुए उल्लास के साथ थारू महोत्सव समारोह मनाई गई। आज हीं के दिन वर्ष 2003 में थारू जाति को अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) का दर्जा भारत सरकार (Indian government) द्वारा दी गई थी। इसी के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 8 जनवरी को थरुहट क्षेत्र (Thruhat Area) के सभी गांवों में थारू जनजाति द्वारा थारू महोत्सव मना कर खुशी का इजहार किया जाता है।
थारू जाति के लोग थरुहट का झंडा फहराते हैं
थारू जाति के लोग इस खुशी में दिन में एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली मनाते हैं तथा रात में दीपों की जगमगाहट के साथ दीपावली मनाते हैं। इस अवसर पर थरुहट के प्रत्येक गांव में लोग एक जगह इकट्ठे होकर थरुहट का झंडा फहराते हैं तथा थरुहट का गीत गाते है।महिलाओं द्वारा झमटा नृत्य प्रस्तुत किया जाता है।गांव गांव में बच्चे एवं बच्चियों के बीच खेलकूद प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है तथा उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।
लेकिन कोविड को लेकर सभी कार्यक्रम का आयोजन नही किया गया। थरुहट क्षेत्र के टहकौल, बेलसंडी, सिट्ठी, शेरवा- मस्जिदवा, तुरकौलिया, महुई, सेमरी-डुमरी, तारा बसवरिया, रुपवलिया, दोमाठ, जमुनिया, बेदौली, धमौरा, देवाढ, कंचनपुर, पहकौल सहित दर्जनों गांवों में उल्लास के साथ थारू महोत्सव मनाया गया। थरुहट क्षेत्र के जम्हौली, रामगीर व बड़गांवा तपा के प्रत्येक गांव में भी प्रतिवर्ष थरुहट महोत्सव मनाई। टहकौल गांव में थारू कल्याण महासंघ के केंद्रीय प्रवक्ता दयाशंकर पटवारी के अध्यक्षता में झंडा तोलन किया गया।
इस मौके पर झंडा गीत झंडा ऊंचा रहे हमारा, जैसे चांद अकाश तारा, और अनुसूचित जनजाति थारू आदिवासी जाति का निशान यही है, भारत के आंखों का तारा। इस मौके पर रामनारायण पटवारी, दीप नारायण पटवारी, अशोक पटवारी, विदयावती देवी आदि के नेतृत्व में थारु महोत्सव के अवसर पर झंडोत्तोलन कर मनाई गई।
ऐसे ही बेलसंडी गांव में थारू कल्याण महासंघ जमहौली तपा के अध्यक्ष ओजेन्दर कुमार, थारू महासंघ के उपाध्यक्ष सह उप प्रमुख राजेश गढ़वाल बाल्मीकि प्रसाद, रुद्रदेव पटवारी, सचिव विमलेश काजी के नेतृत्व में थारू महोत्सव मनाया गया। जबकि शेरवा में राजदेव काजी, गुमस्ता रामनरेश प्रसाद, जितेंद्र काजी, भूपेंद्र काजी, विनोद प्रसाद, परशुराम प्रसाद, सुरेंद्र काजी, भूपेश प्रसाद के नेतृत्व में थारू महोत्सव मनाई गई।