Team Insider: जीविका के माध्यम से प्रखंड के सरफरवा स्थित विशाल तथा अंश जीविका ग्राम संगठन सहित अन्य गांवों मे मधुमक्खी पालन(Beekeeping) हेतु सर्वे किया जा रहा है। इस बाबत में बीपीएम(BPM) कुणाल कुमार सिंह, जिला आजीविका विशेषज्ञ शाहिद खान ने जीविका दीदियों(Jeevika didi) के लिए मधुमक्खी पालन के विषय पर एक दिवसीय उन्नमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू
इस अवसर पर बीपीएम कुणाल कुमार सिंह ने कहा कि गौनाहा के जीविका दीदियाँ जो महिला किसान है वे मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू कर कम लागत में अधिक मुनाफा हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा शहद ऊर्जा का एक बेहतर श्रोत है। शहद में कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा पाए जाने के कारण इससे शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है। इतना ही नहीं शहद हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने का भी काम करता हैं। उन्होंने कहा कि किसान इस व्यवसाय के माध्यम से शहद और मोम प्राप्त करने के साथ-साथ रायल जेली उत्पादन, पराग, मौनी विष आदि भी प्राप्त कर सकते है।
जीविका दीदियाँ मधुमक्खी पालन से बढ़ा सकती है अपनी आमदनी
शाहिद खान ने कहा कि मधुमक्खीपालन कम उपज वाले खेतों में भी आसानी से करके भारी मात्रा में मोम का उत्पादन किया जा सकता है। मुख्य रूप से इस बात पर जोर रहा कि जीविका दीदियाँ मधुमक्खी पालन से जुड़ कर अपनी गुणोत्तर आमदनी बढ़ाएं और स्वावलम्बी बन सकें। वैज्ञानिक विधि से सारी जानकारी प्राप्त कर सभी महिला किसान मधु उत्पादन के क्षेत्र नवादा को विशेष मुकाम दिलाने में सहायक बनेंगे। इस अवसर पर सामुदायिक समन्वयक वीरेंद्र राम, संजीव कुमार, निर्भय कुमार राय आदि के साथ सभी जीविका दीदियाँ मौजूद थे।