CHATRA: चतरा सांसद सह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने प्रदेश की हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा है। वे झारखंड की गठबंधन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर बरसे है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार के 9 साल के उपलब्धियों को गिनाने के दौरान चतरा सांसद ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है।
राज्य सरकार की नीति दुर्भाग्यपूर्ण
उन्होंने हेमंत सरकार पर राज्य की जनता को पेट्रोल में सब्सिडी के नाम पर ठगने का आरोप लगाया है। कहा है कि भाजपा शासित प्रदेशों की सरकारों ने अपने संसाधनों से पेट्रोल डीजल की कीमतों की सब्सिडी घटाकर राज्य की जनता को मूल्यों में बड़ी राहत दी है। यूपी और एमपी जैसे प्रदेशों में भी पेट्रोल और डीजल कम दाम में मिल रहे हैं। लेकिन डीएमएफटी जैसी योजनाओं से भारी भरकम राजस्व प्राप्त करने वाली झारखंड सरकार ने सब्सिडी ना घटाकर प्रदेश की जनता के साथ छलावा किया है। राज्य सरकार की जय जनविरोधी नीति दुर्भाग्यपूर्ण है।
बड़े पैमाने पर की जा रही धांधली
चतरा भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सांसद सुनील सिंह ने केंद्र सरकार की जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) योजना में चतरा में बड़े पैमाने पर गबन और धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि डीएमएफटी योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन में लालफीताशाही हावी है। इस योजना के तहत क्रियान्वित होने वाली योजनाओं का चयन ग्रामसभा और मुखिया के माध्यम से होना है। लेकिन जिले के दर्जनों मुखिया योजना चयन में पारदर्शिता नहीं बरतने की शिकायत कर रहे हैं। ग्राम सभा में चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देने के बजाय मनमाने तरीके से योजनाओं को चयनित किया जा रहा है। इतना ही नहीं योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है।
योजनाओं को लटकाने और भटकाने पर तुली
सांसद ने कहा कि डीएमएफटी स्वतंत्र इकाई है। इस योजना की राशि का खर्च जन उपयोगी योजनाओं का चयन कर जनहित में करना है। लेकिन चतरा जिले में अधिकारियों और राज्य सरकार के मिलीभगत से मन मुताबिक किया जा रहा है। जरूरी योजनाओं में खर्च करने के बजाय गैर जरूरी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। योजना क्रियान्वयन की गति भी काफी कमजोर है, जिसमें तेजी लाने की जरूरत है। यहां बारिश में डीएमएफटी योजना से तलाब बनाए जा रहे हैं ताकि पहली बारिश में उसकी मापी तक नहीं कराई जा सके। सरकार और जिला प्रशासन योजनाओं को लटकाने, भटकाने और अटकाने पर तुली है।
60 से 70 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया
सांसद सुनील कुमार सिंह ने चतरा के कोयलांचल टंडवा प्रखंड में डीएमएफटी योजना से कराए गए ग्रामीण जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच में गड़बड़ी के मामले को लेकर भी जिला प्रशासन और राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दिशा के बैठकों में 3 बार से ज्यादा बार शिकायतों की जांच की मांग की जा चुकी है। लेकिन जिला प्रशासन और सरकार के अधिकारियों के लालफीताशाही रवैया के कारण मामले में कार्रवाई के बजाय जांच की फाइल रांची और चतरा दौड़ रही है।
उन्होंने टंडवा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में 60 से 70 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया है। चतरा में विकास की गंगा बहाने के लिए एक हजार करोड़ से अधिक रुपया डीएमएफटी फंड में मौजूद है। पूर्व के उपायुक्तों के कार्यकाल में इस योजना के तहत स्वास्थ्य व शिक्षा समेत अन्य मूलभूत क्षेत्रों में बेहतर कार्य हुए हैं। इसी योजना के तहत अनुबंध पर नियुक्त चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल मे लोगों की जानें बचाई थी। लेकिन आज उन सभी की संविदा रद्द कर दी गई है, जबकि उनके बेहतर कार्य को देखते हुए उन्हें नियमित करना चाहिए था।
केंद्र सरकार के पास पैसे की कमी नहीं
सांसद ने केंद्र सरकार की नल जल योजना क्रियान्वयन में भी राज्य सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों में नल जल योजना का काम 80 से 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। लेकिन झारखंड में अभी तक 50 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ। जिसके कारण सिंचाई में भी किसानों को परेशानी हो रही है। क्योंकि झारखंड में 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग कृषि पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर राज्य सरकार अपनी नीतियों में सुधार लाते हुए योजना क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाए तो वर्षों से लंबित बड़ी जलापूर्ति व जल संचयन की योजनाएं समय रहते पूर्ण हो जाएंगी।
चतरा सांसद ने कहा कि हेमंत सरकार के पास केंद्र सरकार से इन योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे लेने तक की फुर्सत नहीं है। केंद्र सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है। बस राज्य सरकार और इसकी नीतियों में सकारात्मक इच्छा शक्ति जागृत हो जाए।
राज्य सरकार को केंद्र सरकार की योजना में दिलचस्पी नहीं
सुनील सिंह ने लंबे समय से लंबित पड़े चतरा जिले के अति महत्वाकांक्षी स्टील प्लांट योजना के लेटलतीफी का भी ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा है कि चतरा में लगने वाले स्टील प्लांट की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी है। लेकिन माइंस के अभाव में उसका फाइल आगे नहीं बढ़ पा रहा है। माइंस राज्य सरकार को आवंटित करना है। लेकिन राज्य सरकार केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रही।
रेल लाइन निर्माण कार्य का शिलान्यास
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चतरा सांसद ने चतरा-गया रेल लाइन को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 3 माह के भीतर रेल लाइन निर्माण कार्य का शिलान्यास हो जाएगा। चतरा-गया के बीच करीब 100 किलोमीटर तक बनने वाले रेल लाइन पर 54 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए 926 करोड़ रूपया रेलवे मंत्रालय ने भूमि अधिग्रहण को लेकर आवंटित भी कर दिया है। सांसद ने कहा है कि रेल लाइन निर्माण का फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) भी हो चुका है। अब टेंडर की प्रक्रिया पूरी होनी है। इस रेल लाइन पर 8 स्टेशन बनाए जाने हैं। जिसका चयन भी पूरा हो चुका है।