मिथिला के प्रसिद्ध शक्ति साधना केंद्र मां श्यामा मंदिर में जारी बलि प्रथा पर बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद की ओर से रोक लगा दी गयी है। जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी नाराजगी जाहिर की। गिरिराज सिंह ने कहा कि बलि प्रथा बंद करने की बात कहने वालों की जुबान बकरीद पर क्यों नहीं खुलती है आजकल जो एनिमल लवर स्वच्छता की दुहाई देते हैं, उनकी जुबान बकरीद पर क्यों नहीं खुलती है ? उस समय भी तो लाखों-करोड़ों बकरे काटे जाते हैं। लेकिन, उस टाइम कोई कुछ नहीं बोलता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मुसलमान को प्रणाम करता हूं कि वह अपने धर्म के प्रति कट्टर है। कोई एक भी मुसलमान को कोई झटका मीट नहीं खिला सकता है। अब यह बात हिंदू को भी समझना होगा – सनातन धर्म में बलि प्रथा था और बलि प्रथा में झटका होता है हलाल नहीं। यदि बलि प्रथा के दौरान कुछ रुक गया तो उसे अशुद्ध माना जाता है। गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं अब अपने करीबियों से भी कहूंगा कि बेगूसराय में झटका वाला दुकान खुलवाइए।
मां श्यामा मंदिर में बलि प्रथा पर लगी रोक
बता दें कि, मिथिला के प्रसिद्ध शक्ति साधना केंद्र मां श्यामा मंदिर में बलि प्रथा पर रोक लगा दी गई है। न्यास परिषद ने पत्र भेजकर यह आदेश दिया है। बलि प्रथा पर रोक लगाए जाने के बाद श्यामा मंदिर न्यास समिति ने गर्भ गृह के सामने स्थित बलि स्थल पर मिट्टी डाल कर उसे बंद कर दिया है। इसके साथ बलि के लिए शुल्क लेकर रसीद नहीं दी जा रही है।जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि- इस मामले को सामाजिकता से देखना चाहिए, समाज के अनुरूप काम होना चाहिए।
“सड़क किनारे मांस बेचने वालों पर हो कार्रवाई”
वहीं, सड़क किनारे मांस बेचने वालों पर कार्रवाई करने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बेगूसराय सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर सड़क किनारे खुलेआम मांस बेचे जा रहे हैं। इसके लिए ना तो कॉरपोरेशन लाइसेंस देता है और ना ही इसकी व्यवस्था करता है। कलेक्टर भी इसकी व्यवस्था नहीं करते हैं। ऐसी दुकानों को सड़क किनारे से हटाया जाना चाहिए।स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए भी यह बाधक है। प्रशासन वधशाला बनाए, मीट और मछली बेचने की अलग व्यवस्था करे। जैन और सनातन धर्मावलंबी लोग बराबर कहते हैं कि सुबह में निकलने पर बहुत खराब लगता है। ।