बिहार में अब नगर विकास विभाग पेयजल उपयोग शुल्क नीति-2021 को जल्द ही लागू किया जाएगा। जिसके बाद बिहार के लोगों को अब एक और टैक्स का बोझ उठाना पड़ेगा। बिहार में अब होल्डिंग टैक्स, बिजली बिल के साथ वाटर टैक्स भी बिहारवासियों को देना पड़ेगा। इसकी जानकारी नगर-निगम विभाग द्वारा दिया गया है। वहीं वाटर चार्ज देने में देरी होने पर 1 प्रतिशत की दर से ब्याज की राशि भी वसूली जाएगी। यह चार्ज होल्डिंग टैक्स के आधार पर लिया जाएगा।
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40 से 150 रुपए तक होगा वाटर चार्ज
बता दें कि पटना नगर-निगम क क्षेत्र में 2 लाख 88 हजार मकान आता है। जिससे नगर-निगम होल्डिंग टैक्स के साथ अब वाटर चार्ट भी वसूला जाएगा। होल्डिंग टैक्स के साथ ही अब प्रति माह 40 से लेकर 150 रुपए तक का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। लोगों से लिए गए इस अतिरिक्त रुपये को वाटर चार्ज के तौर पर होगा। होल्डिंग टैक्स के साथ जोड़कर इसे सालाना तौर पर लिया जाएगा। यह टैक्स उनलोगों के लिए है जो प्रॉपर्टी टैक्स देते है। वो चाहे किसी भी स्रोत से जल का उपयोग कर रहे हो, उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स के साथ वाटर टैक्स भी देना होगा।
विभाग ने पटना नगर निगम के साथ ही सभी नगर निकायों को इस संबंध में संकल्प पत्र भेजा है। विभाग द्वारा जारी निर्देश व संकल्प के मुताबिक ही मुजफ्फरपुर नगर निगम ने पिछले साल ही शहर में वाटर चार्ज लागू कर दिया था। लेकिन अन्य शहरी निकायों में इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। वहीं पटना में अगले महीने से इसे लागू कर दिया जाएगा।
अगर यह शुल्क भुगतान देय तिथि से एक वर्ष तक नहीं किया जाता है, तो उनका जल कनेक्शन काट दिया जाएगा। साथ ही पुन: कनेक्शन जोड़ने में लगने वाली राशि उपयोगकर्ता व प्रतिष्ठान से ही वसूली जाएगी, जो कम से कम 1 हजार होगा। इसके साथ ही शुल्क में देरी से भुगतान करने पर प्रति माह 1 प्रतिशत की दर से ब्याज की राशि भी वसूली जाएगी।