रांची: झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (एमएमएसवाई) को लेकर सीपीएम का राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि इस योजना के अंर्तगत राशन कार्ड की बाध्यता को खत्म किया जाए। जिससे वो महिलाएं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और गरीब हैं उन्हे भी इस योजना का लाभ मिल सके। बता दे सीपीएम ने कहा कि झारखंड सरकार की महत्वकांक्षी झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (एमएमएसवाई) राज्य की गरीब महिलाओं को कुछ आर्थिक मदद उपलब्ध कराए जाने की दिशा में बढ़ा हुआ एक ठोस कदम है। यह योजना हेमंत सरकार की सराहनीय पहल है परंतु एमएमएसवाई योजना का लाभ राज्य की महिला आबादी के केवल आधे हिस्से को ही मिल पाएगा। क्योंकि राज्य की महिला जनसंख्या में पचास प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं के पास राशनकार्ड नहीं है।
हजारों ऐसी महिलाएं भी है जिन्होंने राशनकार्ड में अपना नाम जोड़ने या नया राशनकार्ड बनाने के लिए बहुत पहले ही आवेदन दिया है। लेकिन अभी तक पारिवारिक राशन कार्ड में नाम जोड़ने या नया राशन कार्ड निर्गत करने का काम लंबित है। ऐसे में राशनकार्ड नहीं रहने या राशनकार्ड में नाम नहीं रहने के कारण हजारों गरीब महिलाएं इस योजना से वंचित रहेंगीं। जबकि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक जिले में कम से कम 1 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जाए। इसीलिए सीपीएम के राज्य सचिवमंडल ने हेमंत सरकार से ये मांग की है कि एमएमएसवाई में राशनकार्ड की बाध्यता को खत्म किए जाने का आदेश दिया जाए, ताकि झारखंड की अधिकांश गरीब महिलाओं को भी इस योजना के दायरे में लाया जा सके।