पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ का आज निधन हो गया है। उन्होंने 79 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। बता दें कि वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे । उनका इलाज दुबई के एक अस्पताल में चल रहा था। अस्पताल में ही आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा है। मिली जानकारी के अनुसार वो लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीमारी में शरीर के कई अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।
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तख्ता पलट कर राष्ट्रपति बने
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने एक जूनियर अफसर के रूप में पाकिस्तानी आर्मी ज्वाइन किया था। उस वक्त उनकी उम्र महज 21 वर्ष थी। वो 1965 में भारत-पाकिस्तान में हुए जंग में भी लड़ाई लड़े थे। हालांकि ये युद्ध पाकिस्तान हार गया था। लेकिन युद्ध में बहादुरी दिखने के लिए परवेज मुशर्रफ़ को मेडल देकर सम्मानित किया गया था। धीरे -धीरे परवेज मुशर्रफ़ को प्रोमोशन मिलता चला गया।
1971 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। साल 1998 में वो पाकिस्तानी सेना के जनरल बने। जनरल बनने के एक साल बाद ही उनके नेतृत्व में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कारगिल की लड़ाई छेड़ दी। हालांकि इस युद्ध में भी पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। अक्टूबर 1999 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ ने जब मुशर्रफ़ को उनके पद से हटाने की कोशिश की तो मुशर्रफ़ के प्रति वफ़ादार जनरलों ने शरीफ़ का ही तख्ता पलट करके सरकार पर कब्जा कर लिया। उसके बाद मुशर्रफ़ ने जून 2001 में तत्कालीन राष्ट्रपति रफीक तरार को हटा दिया व खुद राष्ट्रपति बन गए।