जमशेदपुर : गर्मी के मौसम आते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। जहां गर्मी के कारण पानी का जलस्तर काफी नीचे आ जाता है। जिसको लेकर पानी की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। वही पानी की किल्लत को लेकर एक मामला जमशेदपुर का है। जहां बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति को लेकर बागबेड़ा के वासियों ने घर के बर्तनों के साथ विशाल पैदल मार्च निकाला ।
जलापूर्ति योजना की नींव 2015 रखी थी
बता दे यह बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की नींव 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रखी थी। जहां 3 वर्ष योजना के तहत कार्य हुए। और 3 वर्ष कार्य पूरे होने के बाद निर्माण का कार्य अधर में लटक गया।पंचायत प्रतिनिधियों क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन किया| और सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया ,लेकिन निष्कर्ष कुछ भी निकल कर नहीं आया । पूर्व की कार्यपालक एजेंसी आइएलएफएस को 237 करोड़ की योजना में 211 करोड रुपए भुगतान किया जा चुका था। बावजूद एजेंसी द्वारा कार्य नहीं किया गया। जिसे सरकार द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। पुनः इस कार्य को नई एजेंसी को दी गई है। जिसके लिए 57 करोड़ का टेंडर भी हो चुका है । बावजूद इसके कार्य अधर में लटका हुआ है । जो विभाग की सुस्त कार्यशैली को दर्शाता है।
मांग पूरा नहीं होने पर आंदोलन
वही उनका कहना है की अगर हम क्षेत्र की बात करें तो गर्मी का मौसम आ चुका है । पानी का जलस्तर काफी नीचे जा चुका है। क्षेत्र के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। लगभग 3 लाख की आबादी इस योजना के धरातल में नहीं उतरने से प्रभावित है। थक हार कर पुनः बस्ती वासियों ने प्रशासन और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से लाल बिल्डिंग दुर्गा पूजा मैदान से एक विशाल पैदल मार्च निकाला । जिसमें महिला पुरुष बच्चे सभी हाथों में बाल्टी बर्तन लेकर इस पैदल मार्च में शामिल हुए। साथ ही मांग जल्द से जल्द पूरा नहीं होने पर एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।