झारखंड की राजधानी रांची में सागवान पेड़ काटने के मामले में IPS अधिकारी की भूमिका खंगाली जाएगी। इसे लेकर मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही 15 दिनों के अंदर ही जांच रिपोर्ट भी जारी करने को कहा गया है। जैप 6 कैंपस में सागवान के पेड़ की कटाई का मामला सामने आया था।
रांची स्थित जैप-6 परिसर में लगे सागवान के पेड़ काटे जाने के मामले में तत्कालीन कमांडेंट और आइपीएस अधिकारी अंशुमन कुमार की भूमिका की जांच की जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में प्रारंभिक जांच करने के बाद अंशुमन कुमार की संदेहास्पद भूमिका पाए जाने के बाद जांच का आदेश दिया है। बता दें कि अंशुमन कुमार वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस मामले को लेकर डीजीपी अजय कुमार सिंह के आदेश पर आईजी मानवाधिकार ने जैप एडीजी प्रिया दुबे को 15 दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
जैप-6 में अंशुमन कुमार की पोस्टिंग के दौरान आरक्षी नरोत्तम कुमार, हवलदार विनय कुमार, बैकुंठ शर्मा के खिलाफ शिकायत मिली थी। इस मामले की जांच के दौरान तीनों के बारे में डीआईजी ने पाया कि तीनों पुलिसकर्मी जातीय टिप्पणी करते हैं। इसके बाद तीनों पुलिसकर्मियों को वहां से हटाने की अनुशंसा की गई थी। रिपोर्ट में इन तीनों को अंशुमन कुमार का करीबी बताया गया था। इसी मामले की जांच के क्रम जैप छह परिसर में वज्रपात से सूखे सागवान के पेड़ के काटने के संबंध में जानकारी मिली।
पेड़ काटने के मामले में जैप छह परिसर में कार्यरत पुलिसकर्मी बुद्धेश्वर राम, डीएसपी विश्वजीत राय, तत्कालीन जीपी प्रभारी अंजनी कुमार समेत कई अन्य पुलिस कर्मियों का बयान दिया गया। जिसमें पाया गया कि काटे गए पेड़ की लकड़ी से कमांडेंट साहब का सामान बनेगा। हालांकि, कई पुलिसकर्मियों ने अपने बयान में कहा है कि मुझे बताया गया था कि वन विभाग की अनुमति से लेकर पेड़ कटवाया गया। उस लकड़ी का उपयोग कहां किया गया यह जानकारी मुझे नहीं है।