राज्यों और केंद्र की सरकारों में अदावत तब और बढ़ जाती है, जब दोनों जगहों पर अलग अलग पार्टियों की सरकार हो। राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार हो तो विकास कार्यों को डबल इंजन की सरकार का फल बताया जाता है। जबकि एक ही पार्टी की सरकार नहीं होने पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर दोष मढ़ती दिखती है। इस बार जब केंद्रीय बजट जारी हुआ तो बिहार की सरकार ने इसका खुला विरोध किया। सीएम नीतीश कुमार ने लंबे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बजट की भर्त्सना की। तो उनके डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बजट आने से पहले ही उम्मीद त्याग दी थी। अब केंद्र सरकार ने जीएसटी मुआवजे की किश्त में बिहार को दरकिनार कर दिया है। तो देखना है कि इस पर नीतीश-तेजस्वी का क्या रुख रहता है।
BJP चलेगी नीतीश वाली चाल, तो Nitish-Tejashwi को एक साथ निपटा देंगे मांझी!
योगी के UP को मिलेंगे 1215 करोड़ रुपए
GST मुआवजे की आखिरी किश्त में मोदी सरकार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर मेहरबान दिख रही है। केंद्र सरकार ने जीएसटी मुआवजे की राशि में से 1215 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश को देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद लिया गया है। इस फैसले का सीधा लाभा उत्तर प्रदेश को मिलेगा। हालांकि आरोप पक्षपात का लग ही सकता है क्योंकि यूपी में भी भाजपा की ही सरकार है। लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां भाजपा की विरोधी सरकार है। इसके बावजूद जीएसटी मुआवजे में उन राज्यों को बेहतर रकम मिलेगी।
ममता सरकार को 823 करोड़ रुपए का फंड
जीएसटी मुआवजे की अंतिम किस्त के रूप में 16982 करोड़ रुपए राज्यों को दिए जाने हैं। इसमें बड़ा हिस्सा 1215 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश को जा रहा है। जबकि बंगाल की ममता सरकार को भी कम नहीं मिल रहा है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बंगाल के लिए 823 करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया गया है। जो बिहार जैसे राज्यों से कहीं अधिक है।
बिहार के मुकाबले झारखंड को तिगुना से अधिक
बात बिहार की करें, तो इसे झारखंड के मुकाबले एक-तिहाई से भी कम राशि मिल रही है। जीएसटी मुआवजे के तौर पर बिहार के लिए 92 करोड़ रुपए तय किए गए हैं जबकि झारखंड को 342 करोड़ रुपए मिलेंगे। दरअसल, यह वही रकम है जो केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को होने वाले घाटे के तौर पर देने का निर्णय लिया था। एक जुलाई, 2017 को भारत में जीएसटी लागू किया गया। तब राज्यों को आश्वासन मिला कि नई व्यवस्था में होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी। भरपाई का यह टेन्योर 30 जून 2022 को समाप्त हो गया।