पहली बार 80 रुपए के पार हो गई है एक डॉलर की कीमत। यह रिकॉर्ड 19 जुलाई को दर्ज हुआ है। एक दिन पहले 18 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.97 पर बंद हुआ था। प्रतिदिन रुपए की कीमत गिर रही है। पिछले महीने ही रुपय दो प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है। वहीं एक वर्ष में रुपए में 7.4% कि गिरावट आई है।
रुपए की गिरावट का असर
रुपए में होने वाली गिरावट से विदेश से आने वाला सामान महंगा हो जाएगा। कच्चे तेल का इम्पोर्ट भी महंगा होगा, जिसके बाद देश में भी महंगाई बढ़ सकती है। देश भर में खाद्य पदार्थ, सब्जियों के दामों पर भी खास असर पड़ेगा।
मानसून सत्र में भी उठे सवाल
रुपय की गिरावट को ले कर संसद में उठे मुद्दे पर लोकसभा के एक प्रश्न के लिखित जवाब में सरकार ने माना है कि पिछले 8 सालों में डॉलर के मुकाबले रुपए भारी गिरावट आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घटते रुपए का कारण बताते हुए कहा कि करेंसी कमज़ोर होने से एक्सपोर्ट को कॉम्पिटिटिव बनाता है। वहीं इम्पोर्ट को महंगा कर देता हैं। सीतारमण ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन जैसे ग्लोबल फैक्टर कि वजह से भी कच्चे तेल में बढोतरी हो रही है। साथ में डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिल रही है।