बिहार के सीएम नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच वैसे तो एक ही समानता दिख रही है कि दोनों अभी I.N.D.I.A. में शामिल दो पार्टियों के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस प्रत्यक्ष समानता से अलग एक परोक्ष समानता भी है, जिसमें नीतीश कुमार जिस राह पर आगे बढ़ रहे हैं, राहुल गांधी भी उसी राह पर चलने लगे हैं। यह अलग बात है कि नीतीश कुमार की रफ्तार के सामने राहुल गांधी की रफ्तार कहीं तेज और आक्रामक है। बीते कुछ महीनों में कुछ ऐसे मौके आए हैं, जब राहुल गांधी और नीतीश कुमार एक ही राह पर तो दिखे हैं लेकिन दोनों की चाल एक स्पीड में नहीं है।
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विपक्षी गठबंधन बनाने में नीतीश बढ़े, राहुल ने ओवरटेक किया
भाजपा से संबंध तोड़ने के बाद से ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने देश भर के अलग अलग राजनीतिक दलों को इकट्ठा करने का प्रयास शुरू किया। उनकी कोशिश थी कि विपक्षी दल एक मंच पर आएं और भाजपा से वन टू वन मुकाबला करें। नीतीश कुमार की कोशिशों को शुरुआत में राहुल गांधी का पूरा समर्थन नहीं मिलता दिख रहा था। लेकिन बाद में राहुल गांधी ने इस विपक्षी एकता के दांव को पूरी तरह अपना बना लिया। पटना में हुई बैठक के बाद विपक्षी दलों का नेतृत्व करने के मामले में नीतीश कुमार के मुकाबले राहुल गांधी अधिक आगे दिखे हैं। ऐसा लगने लगा कि गठबंधन को कांग्रेस और राहुल गांधी ही गाइड करने लगे। जबकि यह पूरी तरह नीतीश कुमार की सोच थी।
जाति गणना को लेकर भी होड़ लेने लगे राहुल
नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई और आंकड़े जारी भी कर दिए। इसके बाद अब कांग्रेस ने भी फैसला लिया है कि जाति आधारित गणना को वो अपने राज्यों में कराएगी। राहुल गांधी हर प्रेस कांफ्रेंस में सिर्फ जातीय गणना की बातें करने लगे हैं। उनके अनुसार देश के विकास के लिए जातीय गणना से पहले कोई दूसरा कार्य नहीं होना चाहिए। हर समूह में वे जातीय पहचान पर जोर डालने लगे हैं। यहां तक की राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के जाति की बात कर रहे हैं। जबकि नीतीश कुमार अभी जातीय आंकड़े जारी करने के बाद समाज के सर्वांगीण विकास का ही नारा दे रहे हैं।
इसके अलावा कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा है कि वह सत्ता में आई तो आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगी 50 फीसदी की लिमिट को भी खत्म किया जाएगा। इसके लिए संविधान संशोधन किया जाएगा। मतबल साफ है कि राहुल गांधी और कांग्रेस जातीय गणना के मामले में भी नीतीश कुमार को पीछे छोड़ने की तैयारी की है।