बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के 66वीं संयुक्त परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है। टॉपर लिस्ट पर नजर डालें तो कुछ परंपराएं टूटी हैं तो कुछ जस की तस बनी हुई हैं। छात्राओं की संख्या टॉप 10 में कम है। यह अर्से बाद हुआ है, जब किसी प्रतियोगी परीक्षा की टॉपर लिस्ट में छात्राओं की संख्या कम है। दूसरी ओर इंजीनियर्स का सिविल सेवा के प्रति ऐसा झुकाव बन गया है कि इस साल भी टॉपर लिस्ट में इंजीनियर्स की भरमार है।
10 में से 7 का इंजीनियरिंग बैकग्राउंड
इस बार टॉप 10 में शामिल 10 अभ्यर्थियों में से सात इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के हैं। टॉपर सुधीर ने IIT Kanpur से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई 2019 में पूरी की। दूसरी रैंक लानेवाले अंकित कुमार ने IIT Guwahati से बीटेक किया है। पांचवे स्थान पर रहे पटना के सिद्धांत कुमार ने 2017 केरला के कोच्चि यूनिवर्सिटी साइंस टेक्नोलॉजी से बीटेक किया है। औरंगाबाद की मोनिका श्रीवास्तव ने 2016 में IIT Guwahati से कम्प्यूटर साइंस से पढ़ाई की। विनय कुमार रंजन ने IIT Delhi से एमटेक किया है। वहीं आठवीं रैंक हासिल करने वाले पूर्वी चंपारण के सदानंद ने IIT Guwahati से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। जबकि नौवीं रैंक वाले आयुष कृष्णा भी इंजीनियरिंग कर चुके हैं।
UPSC में भी यही ट्रेंड
वैसे इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले सिर्फ BPSC पर मेहरबान नहीं है। बल्कि UPSC में भी यही ट्रेंड है। 2019 में UPSC ने जो परीक्षा ली, उसमें सफल होने वाले वाले सर्वाधिक अभ्यर्थी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के ही थे। सफल अभ्यर्थियों पर UPSC ने जो आंकड़ा जारी किया था, उसके मुताबिक 63.12 प्रतिशत सफल अभ्यर्थी इंजीनियरिंग वाले थे। वहीं ह्यूमैनिटीज वाले 24.18 प्रतिशत, साइंस के दूसरे विषयों वाले 6.61 प्रतिशत और मेडिकल वाले 6.07 प्रतिशत थे।