देश की राजनीति में दो ध्रुवों में बंटने के प्रयास चल रहे हैं। एक ध्रुव तो भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर केंद्रित है। जबकि दूसरे ध्रुव के कई दावेदार हैं। इस ध्रुवीकरण का मकसद भाजपा और नरेंद्र मोदी को केंद्र की राजनीति से हटाना है। लेकिन हटाने वाले चेहरों में अभी रस्साकशी चल रही है। नेता कांग्रेस के राहुल गांधी होंगे या जदयू के नीतीश कुमार या आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, इस पर एक राय नहीं है। लेकिन इस बीच देश की राजनीति अब महाभारत की तरह हो चुकी है। लेकिन इस महाभारत में 2014 में शुरू हुआ ‘मुक्ति काल’ अभियान अब अलग ही मुकाम पर निकल चुका है।
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भाजपा ने शुरू किया था ‘मुक्ति अभियान’
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की। भाजपा की अलग अलग राज्यों में सरकार बनती गई और भाजपा नेताओं ने कांग्रेस मुक्त भारत अभियान के सफल होने की घोषणा कर दी। लेकिन भाजपा जब भी कोई चुनाव हारी, कांग्रेस के नेता यही कहते कि अब देश में भाजपा मुक्त अभियान शुरू हो गया है। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और लगातार दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के सांसदों की संख्या दहाई अंकों में ही रही।
अब JDU ने शुरू किया महाभारत!
भाजपा को 2014 और 2019 में रोक पाने में कांग्रेस के असफल होने के बाद अब 2024 में JDU ‘महाभारत’ ठान लेने का दावा कर रही है। JDU के खुला अधिवेशन में लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ललन सिंह ने दावा किया है कि 2024 में भारत को भाजपा मुक्त बनाएंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि आगामी आम चुनाव में महागठबंधन बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। 303 का आंकड़ा बड़ा नहीं है। जिन राज्यों में बीजेपी की सीटें ज्यादा हैं, वहां अब बढ़ेंगी नहीं बल्कि घटेंगी।
कुढ़नी के बाद भाजपा का कांफिडेंस उपर
JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान का काउंटर किया भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने। जदयू अध्यक्ष के देश को भाजपा मुक्त करने के दावे पर सुशील मोदी ने कहा कि देश भाजपा मुक्त तो नहीं होगा। लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार जरूर जदयू मुक्त हो जाएगा। सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिनमें से दो पर भाजपा ने जीत दर्ज की। इससे प्रदेश भाजपा नेताओं का कांफिडेंस उपर है। नीतीश का साथ छूटने के बाद अब भाजपा के लिए बिहार खुला मैदान है।