साल 2023 अब अपने आखिरी महीने में है। इस साल बिहार के सीएम नीतीश कुमार कई बार अपने अजीबोगरीब बयान और बॉडी लैंग्वेज को लेकर सुर्ख़ियों में रहे। जो नीतीश कुमार अपने सभ्य और विवादमुक्त बयानों के लिए जाने जाते थे। उन्ही नीतीश कुमार के बयानों पर साल 2023 में जमकर बवाल कटा। वहीं कई बार मीडिया के कैमरों में उनकी ऐसी तस्वीरें कैद हुई जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठे। नीतीश कुमार को ट्रोल किया गया। उनके बॉडी लैंग्वेज को उनके मानसिक हालत से जोड़ कर कटाक्ष किया गया। आज इस खबर में हम आपको नीतीश कुमार के उन्हीं बयानों और बॉडी लैंग्वेज के बारे में बताएंगे जिसको लेकर साल 2023 में खूब सुर्खियाँ बनी।
अपने मंत्री को गर्दन पकड़ कर खींचा, फिर कहा प्रेम करते हैं
18 सितंबर को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीतीश कुमार की नजर आगे खड़े एक व्यक्ति पर पड़ी, जिसने सर पर तिलक यानि टीका लगा रखा था। बताया गया कि उसका नाम छोटू सिंह था। मुख्यमंत्री ने जैसे टीका लगाये छोटू सिंह को देखा वैसे ही पीछे पलट कर अपने एक मंत्री को ढूंढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने अन्य नेताओं के पीछे खड़े भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को गर्दन से पकड़ कर खींचा। मंत्री की गर्दन को पीछे से पकड़ कर खींचते हुए नीतीश कुमार छोटू सिंह के पास ले गये और फिर उनके माथे से अपने मंत्री के माथे को मिला दिया।
इस घटना को लेकर कुछ दिनों बाद मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया जिसपर नीतीश कुमार ने कहा कि ” ऐसा नहीं है.. ना ना ऐसा नहीं है.. यह मत कहिए.. यह तो हम लोगों का प्रेम है.. हम इनसे बहुत प्रेम करते हैं। उन्होंने अपने बगल में खड़े मंत्री अशोक चौधरी को गले लगाते हुए कहा कि ‘हम जब इनको देखते हैं तो खुश हो जाते हैं।’
तेजस्वी का हाथ पकड़ कर खींचा
18 सितंबर को ही मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ भी कुछ ऐसा किया जो चर्चा का विषय बन गया। दरअसल, मीडियाकर्मियों ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि आपका गठबंधन एकजुट है? इसके जवाब में नीतीश कुमार ने उनके बगल में खड़े उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का हाथ पकड़कर उनको आगे खींचा। उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा तुम ही बोलो। नीतीश कुमार के कई बार कहने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि हां सब ठीक है। इसके बाद फिर से नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का हाथ पकड़ के खींचा और फिर से बोलने के लिए कहा।
श्रद्धांजलि देने के बजाय मंत्री पर बरसाया फूल
5 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार मंत्री अशोक चौधरी के आवास पर पहुंचे हुए थे। जहाँ मंत्री अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। सभा में पहुंचे लोग महावीर चौधरी की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दे रहे थे। वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि देने के बजाय तस्वीर के पास रखे फूल को उठाया और मंत्री अशोक चौधरी के सर पर डाल दिया। उनकी इसी हरकत को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी खूब आलोचना की। विपक्षी नेताओं ने भी खूब तंज कसा।
फैमिली प्लानिंग पर विवादित बयान
बिहार विधानसभा में 7 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार ने महिला साक्षरता के मुद्दे को फैमिली प्लानिंग से जोड़ते हुए अजीबो-गरीब बयान दे दिया था। इस दौरान सीएम ने कि “जब शादी होगा लड़का-लड़की में, तो पुरुष है वो तो रोज रात में… जिसके साथ शदिया होता है, उसके साथ करता है न। तो उसी में और पैदा हो जाता है। और लड़की पढ़ लेती है तो…. हमको मालूम था कि उ (पुरुष) करेगा तो ठीक है लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ, उसको बाहर कर दो। इसी कारण संख्या घटी है।” उनके इस बयान पर इतना बवाल हुआ कि उन्हें अपने बयान के लिए सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगनी पड़ी।
नीतीश ने मांझी को कहा था बिना सेंस वाला
बता दें कि बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन यानि 10 नवंबर को जीतन राम मांझी आरक्षण के समीक्षा पर बिहार सरकार के कार्यकलापों पर टिप्पणी कर रहे थे। तभी सीएम नीतीश कुमार उठ खड़े हुए और बरस पड़े। अपनी नाराजगी में सीएम नीतीश ने पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के लिए यहां तक कह दिया कि “इसको कोई सेंस नहीं है। ऐसे ही बोलते रहता है।” नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा था कि “इनको (जीतन राम मांझी) कुछ आइडिया नहीं है। इनको कोई सेंस नहीं है। ऐसे ही बोलते रहता है। हम बोले थे कि आप ही लोग (भाजपा) के साथ ही रहे। लेकिन भाग कर चला आया था। इसके बाद हम फिर भगा दिए।
सीएम ने आगे कहा कि “कोई सेंस है इसको? आप लोगों (भाजपा) को जब छोड़ दिए थे, 2013 में और अकेले थे। हम इसको (जीतन राम मांझी) बना दिए। इसके बाद मेरी पार्टी का लोग दो माह में कहने लगा कि गड़बड़ है इसको हटाइए। कहता रहता है कि ये भी मुख्यमंत्री थे। क्या मुख्यमंत्री था? ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना। बिना मतलब का रोज इसको पब्लिश करती है मीडिया। कोई सेंस नहीं है इसको।” नीतीश कुमार ने कहा था कि “आप ही लोग (भाजपा) के पीछे घूम रहा है। चाहता है गवर्नर बनना। साथ में था तो भी उलटा पुलटा बोलता था। इसको गवर्नर बनवा दीजिए। परिवार के लोग भी इसके खिलाफ है। नारा लगवा रहे हैं तो उसको मुख्यमंत्री कौन बनवाया? मेरी गदहपनी कि उसको बनवा दिए और बोल रहे पूर्व मुख्यमंत्री….।” इस बयान के बाद नीतीश कुमार पर दलितों के अपमान करने को लेकर विपक्ष की तरफ से खूब हमला किया गया।
पत्रकारों के सामने नतमस्तक नीतीश
जनसंख्या नियंत्रण और जीतन राम मांझी को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार चौतरफा घिरे तो मीडिया से दूरी बनाते दिखे। 14 नवंबर को देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर सीएम नीतीश कुमार ने पटना के नेहरू पथ स्थित नेहरू पार्क पहुँच कर जवाहर लाल नेहरू श्रद्धांजलि दी थी। जब नीतीश कुमार वहां से निकालने लगे तो पत्रकारों ने उनसे सवाल करना चाहा। नीतीश कुमार ने मीडियाकर्मियों को देखते ही दोनों हाथ जोड़ कर सिर झुका दिया और इशारों में मीडिया कर्मियों को जाने को कहा था। एक पत्रकार ने पूछा “काहे नाराज हैं सर?” जिसपर नीतीश कुमार बिना कोई जवाब दिए वहां से निकल गए थे।
राज्यपाल को नीतीश कुमार ने लगाया गले
आज यानि 15 दिसंबर को सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में नीतीश कुमार शिरकत करने पहुंचे थे। उन्होंने पहले सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धा सुमन अर्पित की और उसके बाद बगल में खड़े राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के पास पहुंच गए। जहां सीएम नीतीश कुमार ने कुछ बातें कहीं उसके बाद उन्होंने राज्यपाल को गले लगा लिया। इसके बाद इस वाकये पर पत्रकारों की नजर पड़ी तो वो भी ठिठक गए उसके बाद सीएम और गवर्नर दोनों ने कहा कि- अब आपलोग क्लिक कीजिए। हालांकि पिछले कुछ समय से राज्यपाल और सीएम नीतीश कुमार के बीच खटपट की काफी चर्चा हुई है।