बिहार में नई सरकार के मंत्रियों की शपथ हो गई है। मंत्रालयों का बंटवारा भी हो चुका है। सरकार में शामिल पार्टियों के प्रवक्ता और नेता सबका ख्याल रखने की दुहाइयां देते नहीं थक रहे। लेकिन हकीकत ये है कि न सभी जातियों को प्रतिनिधित्व मिला है और न ही सभी जिलों का। बिहार के 38 जिलों में 19 जिले ऐसे हैं, जहां से कोई मंत्री नहीं है। जबकि शेष 19 जिलों से नीतीश कुमार की सरकार में 28 मंत्री बने हैं। नीतीश कुमार समेत पांच विधान पार्षद भी मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
सबसे अधिक समस्तीपुर से
मंत्रियों में सबसे अधिक संख्या समस्तीपुर से है। यहां से तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें जदयू के विजय कुमार चौधरी हैं। साथ ही राजद के तेजप्रताप यादव और आलोक मेहता भी समस्तीपुर जिले की विधानसभा सीटों से चुनाव लड़कर जीते हैं।
सात जिलों से दो-दो मंत्री
राज्य के सात जिले ऐसे हैं, जहां से दो-दो मंत्री बने हैं। इसमें मधुबनी, पूर्णिया, रोहतास, कैमूर, गया, सारण और दरभंगा से दो-दो मंत्री बनाए गए हैं। इसमें मधुबनी से शीला मंडल, पूर्णिया से लेशी सिंह, कैमूर से जमां खान और दरभंगा जिले से मदन साहनी पहले से ही मंत्री रहे हैं।
दोनों डिप्टी सीएम के जिले खाली
जदयू-भाजपा की सरकार में दो डिप्टी सीएम बने थे। इसमें तारकिशोर प्रसाद कटिहार जिले से थे जबकि रेणु देवी पश्चिमी चंपारण से थी। लेकिन इस बार इन दोनों जिलों से कोई मंत्री नहीं बना है। इस बार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बने हैं। तेजस्वी वैशाली जिले की राघोपुर सीट से विधायक हैं।
पश्चिमी चंपारण में सन्नाटा, गोपालगंज की वैल्यू ‘डाउन’
पिछली सरकार में पश्चिमी चंपारण से उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के अलावा पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद भी मंत्री थे। लेकिन इस बार वहां से कोई मंत्री नहीं है। वहीं पिछली सरकार में गोपालगंज जिले से तीन मंत्री थे। इसमें सुनील राम तो इस बार भी मंत्री बने हैं। यह जिला लालू यादव का गृह जिला है।
इन जिलों से कोई मंत्री नहीं
- किशनगंज
- कटिहार
- भागलपुर
- मुंगेर
- खगड़िया
- शेखपुरा
- सहरसा
- सीतामढ़ी
- बक्सर
- भोजपुर
- जहानाबाद
- औरंगाबाद
- अरवल
- नवादा
- लखीसराय
- सीवान
- शिवहर
- पश्चिमी चंपारण
- बेगूसराय