केरल की वायनाड सीट से सांसद और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी देश के सबसे अमीर व्यक्ति नहीं हैं। इसके बावजूद राहुल गांधी की संपत्ति पिछले 20 सालों में 40 गुना बढ़ी है। 2004 में राहुल गांधी ने जब पहली बार अमेठी से चुनाव लड़ने उतरे तो उनकी संपत्ति 55 लाख रुपए थी। राहुल गांधी की एफिडेविट बताती है कि सांसद की सैलरी के अलावा रेंट से भी आमदनी होती है। रॉयल्टी, बैंक से मिलने वाला ब्याज, शेयर से मिलने वाला डिविडेंट और म्यूचुअल फंड से मिलने वाला कैपिटल गेन भी इनकम का सोर्स है। कृषि भूमि से भी इनकम होती है। वैसे राहुल गांधी का खास इन्वेस्टमेंट पैटर्न भी है, जिससे उनकी संपत्ति लगातार बढ़ी है।
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राहुल गांधी की हर महीने 10 लाख से ज्यादा की इनकम
राहुल गांधी की संपत्ति पिछले पांच सालों में हर साल 1 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं। यानि हर महीने उनकी इनकम 10 लाख रुपए से बढ़ रही है। 2019 से 2024 के बीच राहुल गांधी ने सबसे अधिक 2021-22 में कमाई की है। इस दौरान उनकी कमाई 1.31 करोड़ रुपए रही है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में राहुल की संपत्ति 1.02 करोड़ रुपए रही है। राहुल की संपत्ति अगर इस रफ्तार से बढ़ रही है तो इसके पीछे की बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि सरकार घर में रहने वाले राहुल गांधी के पास लायबिलिटी वाली कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है। मसलन उनके पास कोई गाड़ी नहीं है।
2024 में चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसके मुताबिक उनकी संपत्ति 20.39 करोड़ रुपए है। वैसे मौजूदा संपत्ति का आंकलन करने पर पता चलता है कि राहुल के इनकम का बड़ा सोर्स शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड है। लगभग 40 फीसदी संपत्ति इन्हीं में है। लेकिन चौंकाने वाला फैक्ट यह है कि राहुल गांधी ने पिछले 5 सालों में अपना इन्वेस्टमेंट पैटर्न बदला है। 2019 के पहले तक राहुल गांधी को म्युचुअल फंड पर भरोसा था। तब तक राहुल गांधी ने शेयर मार्केट में कोई इन्वेस्टमेंट नहीं किया था। लेकिन अब राहुल गांधी का इन्वेस्टमेंट पैटर्न उलटा हो गया है।
राहुल गांधी ने म्युचुअल फंड से निकाला पैसा, शेयर मार्केट में लगाया
राहुल गांधी ने 5 सालों में 25 कंपनियों के शेयर खरीदे हैं। इन शेयर्स की वैल्यू अब 4.33 करोड़ रुपए हो चुकी है, जो उनकी कुल संपत्ति का लगभग 20 फीसदी है। जबकि 2019 तक राहुल गांधी के पास 10 कंपनियों के म्युचुअल फंड थे। निवेश की कुल रकम लगभग 5 करोड़ रुपए थी। लेकिन राहुल गांधी ने अब म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट को 7 कंपनियों में सीमित कर दिया है। इसकी वैल्यु 3.81 करोड़ रुपए है।