मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की उलटी गिनती शुरू हो गयी है। विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के मसले पर चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार इसमें आयोग ने हेमन्त सोरेन की सदस्यता समाप्त करने का मंतव्य है। अब देखना यह है कि राज्यपाल आयोग की अनुशंसा के आलोक में किस तरह का फैसला लेते हैं। उसी के अनुसार हेमन्त सोरेन का अगला कदम होगा। रांची के अनगड़ा में अपने नाम से माइनिंग लीज लेने को लेकर भाजपा ने राज्यपाल से शिकायत करते हुए हेमन्त सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी। जिसे राज्यपाल ने मंतव्य के लिए चुनाव आयोग को भेज दिया था। राज्यपाल रमेश बैस 21 अगस्त को दिल्ली गये थे। उनकी यात्रा को राजभवन निजी यात्रा बताता रहा।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुबह में ही किया ट्वीट
हालांकि जानकार मानते हैं कि चुनाव आयोग के संभावित फैसले और आगे की रणनीति पर मंथन राज्यपाल का एजेंडा था। ईडी के रेड प्रकरण में ट्वीट और अपनी भविष्यवाणी को लेकर लेकर चर्चा में रहने वाले गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जब मीडिया को भनक नहीं थी सुबह में ही ट्वीट किया ” …घोषणा थी कि अगस्त पार नहीं होगा। वही हुआ चुनाव आयोग का पत्र राज्यपाल जी को पहुंचा”।
वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराकर विधायक बने पूर्व मंत्री सरयू राय ने ट्वीट किया ” अति विश्वस्त सूत्रों के अनुार निर्वचन आयोग ने हेमन्त सारेन को विधायक पद से अयोग्य करार दिया है। राजभवन से इसकी अधिसूचना निकलते ही उन्हें त्यागपत्र देना होगा या माननीन न्यायालय से इस अधिसूचना पर स्थगन आदेश प्राप्त करना होगा। भ्रष्ट आचरण के दोषी पाये गये हैं फलत: ये विधायक नहीं रह सकते। इन्हें अगले तीन वर्षों तक विधायक का चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया जा सकता है”।
हेमन्त की सदस्यता समाप्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की जा सकती है
बहरहाल राज्यपाल बुधवार को ही दिल्ली से वापस लौटने वाले थे मगर अब आज यानी गुरूवार को लौट रहे हैं। उनके लौटते ही हेमन्त की सदस्यता समाप्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की जा सकती है। इधर हेमन्त सरकार बहुमत में है यानी संख्या बल को लेकर सरकार पर खतरा नहीं है। मगर मुख्यमंत्री कौन रहेगा सवाल है। पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के पत्र की प्रतीक्षा की जा रही है। वैसे हेमन्त सोरेन ने एक्शन प्लान बना रखा है।
अपने खिलाफ आदेश के विरोध में तत्काल सुप्रीम कोर्ट में अपील कर स्थगनादेश और सुनवाई के लिए कदम उठाया जा सकता है। त्यागपत्र का विकल्प नहीं रहा तो त्यागपत्र देकर पुन: यूपीए की ओर से इन्हें अपना नेता चुन लिया जा सकता है। तब बिना किसी सदन का सदस्य रहे वे छह माह तक मुख्यमंत्री रह सकेंगे। यह भी स्थिति नहीं बनी तक किसी दूसरे नाम पर विचार किया जा सकता है, ऐसे में पत्नी कल्पना सोरेन को सबसे मुफीद माना जा रहा है।
वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन और जोबा मांझी को लेकर भी है चर्चा
वहीं चर्चा पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन और जोबा मांझी को लेकर भी है। एक दिन पहले से ही जब ईडी ने अधिकारियों और राजनेताओं के बीच गहरी पैठ रखने वाले प्रेम प्रकाश और जेएमएम के सीए जे जयपुरिया के ठिकानों रेड किया तो झामुमो नेतृत्व की बेचैनी बढ़ गई थी। हेमन्त सोरेन का करीबी बताने पर सरकार और पार्टी ने कड़ी आपत्ति की थी। लगता है अपने खिलाफ होने वाले फैसले को लेकर हेमन्त सोरेन को भी भान था इसलिए इधर जनहित से जुड़े फैसले लगातार ले रहे थे।
सरकार की सोच रही कि हर चेहरे पर मुस्कान हो
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी कुछ इसी पुलिसकर्मियों और शिक्षक नियुक्ति से जुड़े फैसले लिये गये। बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने गिनाये आंगनबाड़ी सेविाकाओं, पारा शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पुरानी पेंशन योजना के लाभुकों से पूछ लीजिए। सरकार की सोच रही कि हर चेहरे पर मुस्कान हो। आदिवासी वर्ग के युवा विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा, पेट में दर्द हो रहा है। अभी तो हमने शुरुआत ही की थी। 20 वर्षों में हमारे विरोधियों ने राज्य को दिशा देने का काम किया लेकिन काम कितना हुआ सभी देख रहे हैं। उनके संबोधन से लग रहा था जैसे वे अपने पूरे काम को गिना देना चाहते हों।