बिहार में सीएम नीतीश कुमार कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वे ट्रिपल C पर समझौता नहीं कर सकते। ट्रिपल C यानि क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म। लेकिन नीतीश के नए मंत्रिमंडल में इसमें उनके दो C यानि क्राइम और करप्शन की तो धज्जियां उड़ गई। क्योंकि नीतीश के मंत्रियों पर क्रिमिनल मामले भी दर्ज हैं और करप्शन के भी आरोप हैं।
दो-तिहाई पर आपराधिक मुकदमे
नई सरकार में सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत 33 मंत्री हैं। इनमें से 22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वैसे तो नीतीश की पार्टी उनके सहयोगियों से कम दागदार है। जदयू के 11 मंत्रियों में से तीन क्रिमिनल केस दर्ज हैं। जबकि सहयोगी राजद के 16 मंत्रियों में से 11 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जदयू में जमां खान, संजय झा और मदन सहनी पर मामले दर्ज हैं। वहीं, कांग्रेस के मंत्रियों पर एक-एक केस दर्ज है। निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह पर भी एक केस दर्ज है। वहीं HAM के संतोष कुमार सुमन पर भी एक केस दर्ज है।
डिप्टी सीएम पर 11 केस दर्ज
महागठबंधन सरकार में दूसरी बार डिप्टी सीएम बने तेजस्वी यादव पर कुल 11 मामले दर्ज हैं। इन पर इन पर भ्रष्टाचार के रूप में ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले है। जबकि तेजस्वी यादव के बड़े भाई और वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव पर पांच मामले दर्ज हैं। वहीं मंत्री सुरेंद्र राम पर सरकारी काम में बाधा डालने और मारपीट के साथ चोरी करने का भी केस दर्ज है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर पटना के सचिवालय थाना में, सुपौल के किशनपुर थाना में साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर केस दर्ज है। जबकि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप है। सुरेंद्र यादव पर 9 केस दर्ज है। इसमें बाल यौन अपराध, मारपीट और आचार संहिता के केस दर्ज हैं। मंत्री ललित यादव पर एफआईआर है।