लोकसभा में दंड प्रक्रिया शिनाख्त विधेयक पास हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष के सवालों का जवाब दिए जाने के बाद यह बिल हुआ। विपक्ष की मांग थी कि बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजना चाहिए, लेकिन शाह ने एक-एक कर सभी सवालों का जवाब दिया, जिसके बाद बिल पास हो गया। इसके तहत आरोपी के जैविक सैंपल, फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंअ आदि के सैंपल लिए जाने का प्रावधान किया गया है।
रेप पीड़िताओं के भी होते हैं मानवाधिकार
विपक्ष इस बिल पर मानवाधिकार का सवाल उठा रहा था, जिस पर गृह मंत्री ने कहा कि जो लोग बिल पर अंगुली उठा रहे हैं तो यह समझ लें कि रेप पीड़िताओं का मानवाधिकार होता है। मगर, विपक्ष को सिर्फ बलात्कारियों, लुटेरों की चिंता रहती है। हमारी सरकार मानवाधिकारों के बारे में सोचती है। कहा कि विपक्ष कह रहा कि यह बिल मूल अधिकारियों एवं मानवाधिकारों के विरुद्ध है, जबकि यह बिल निजता के अधिकार के खिलाफ है।
सजायाफ्ता या आरोपी के शरीर की ली जा सकती है माप
इस बिल के मुताबिक सजायाफ्ता या किसी भी आरोप में गिरफ्तार किए गए शख्स के शरीर की माप ली जा सकती है। उसका फिंगर प्रिंट, आंखों की आयरिश का नमूना, ब्ल्ड और हस्ताक्षर लिए जा सकते हैं। हालांकि ऐसा मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही किया जा सकता है। इन चीजों के सैंपल सिर्फ थानाध्यक्ष, हेड कॉन्सटेबल और जेल के हेड क्वर्टर या उच्च अधिकारी ही लेंगे। इन आंकड़ों को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो रखेगा।