मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए शुक्रवार, 17 नवंबर को मतदान तय है। इस चुनाव में 2,533 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके लिए प्रदेश के 5.60 करोड़ मतदाता वोटिंग करेंगे। वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू होगी और शाम छह बजे तक चलेगी। इस चुनाव का नतीजा 3 दिसंबर को आने वाला है। मुख्य मुकाबला एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है, जहां सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी, जदयू ने भी दांव आजमाने की कोशिश की है। भाजपा लगातार पांचवी बार सत्ता पाने की कोशिश में है। तो कांग्रेस के सामने भाजपा के इस गढ़ पर अपना कब्जा जमाने की है।
भाजपा ने झोंक दी है पूरी ताकत
मध्यप्रदेश भाजपा का वो गढ़ बन चुका है, जिसे वह किसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती। शिवराज सिंह चौहान इस बार भी चुनावी मैदान में हैं लेकिन सीएम फेस के तौर पर उन्हें पार्टी ने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है। भाजपा ने इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनावी मैदान में उतार दिया है। केंद्रीय मंत्रियों में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि भाजपा के फायर ब्रांड नेता व पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को भी विधानसभा चुनाव में उतारा गया है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है। कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से चुनावी मैदान में हैं।