लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। भागवत स्वयंसेवको के लिए आयोजित एक ट्रैनिंग कैंप के समापन के मौके पर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। जो वास्तविक सेवक है, जिसको वास्तविक सेवा कहा जा सकता है वो मर्यादा से चलता है। उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिप्त नहीं होता, उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया है और वही सेवक कहलाने का अधिकारी भी रहता है। एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होता और वह दूसरो को नुकसान पहुंचाये बिना अपना काम करता है।
बिना किसी कारण के संघ को घसीटा गया
एक चुनाव प्रचार का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा चुनावों को युद्ध की तरह नहीं देखा जाना चाहिए, इस बार चुनाव अभियान में मर्यादा का ख्याल नहीं रखा गया। चुनाव के दौरान जिस तरह की बातें कही गईं, जिस तरह से दोनो पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए। किसी को इस बात की परवाह नहीं थी कि जो कुछ किया जा रहा है उसके कारण सामाजिक विभाजन पैदा हो रहा है और बिना किसी कारण के संघ को इसमें घसीटा गया और झूठ फैलाया गया।
मणिपुर को लेकर चिंता जताते हुए मोहन भागवत ने कहा कि एक साल से मणिपुर शांति का इंतजार कर रहा है। पिछले एक दशक से यह शांतिपूर्ण था। ऐसा लग रहा था कि पुराने जमानें की बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है लेकिन यह फिर से शुरू हो गया।