संसद में 13 दिसंबर 2023 को एक बार फिर सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। 2003 के हमले में सदन के अंदर तो कोई नहीं घुस सका था। लेकिन इस बार लोकसभा की कार्रवाई में दो शख्स घुसे, नारेबाजी की, हल्ला किया, हाथ में पकड़े कैन से स्मोग उड़ाया। लेकिन इसके बाद सांसदों ने उन दोनों को पकड़ लिया और कई सांसदों ने दोनों को पीट दिया। पकड़ने वाले सांसदों में दो का नाम मुख्य रूप से स्पष्ट है, जिसमें पहला नाम है राजस्थान की नागौर सीट से सांसद हनुमान बेनीवाल का और दूसरा नाम है यूपी की बिजनौर सीट से बसपा सांसद मलूक नागर का। इस बीच कांग्रेस ने अपने नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्हें निडर और जननायक तक बता दिया। लेकिन हनुमान बेनीवाल और मलूक नागर के बयान को सच मानें तो राहुल गांधी और कांग्रेस के साथ इस घटना में “मोए-मोए” हो गया है।
दरअसल, मोए-मोए एक ट्रेंड है, जो सोशल मीडिया पर प्रचलित हो गया है। इस ट्रेंड को शॉक्ड होने वाले अंदाज के साथ ऐसे भी पेश किया जा रहा है, जिसमें नासमझी झलक रही है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत्र ने संसद में उड़ते पीले स्मोक के बीच राहुल गांधी की तस्वीर को पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “डरो मत. कहते ही नहीं, करके भी दिखाते हैं।” वहीं शेयर की गई तस्वीर पर लिखा है “जब संसद में अफरातफरी फैली थी, जननायक सीना तानकर खड़े थे।” एक ही पोस्ट में सुप्रिया ने राहुल गांधी को निडर और जननायक दोनों बना दिया।
लेकिन अराजक तत्वों को पकड़ने वाले सांसदों हनुमान बेनीवाल और मलूक नागर कुछ और ही कह रहे हैं। मलूक नागर ने तो कहा कि राहुल गांधी अंदर थे। लेकिन कोई भी कांग्रेसी नेता हनुमान बेनीवाल और मेरी मदद करने नहीं आया। वहीं हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राहुल गांधी को मैंने खड़े देखा था अपनी सीट पर। उनमें कोई मूवमेंट नहीं था। वे करीब 40-50 मीटर दूर खड़े थे और चाहते तो वे भी आ सकते थे लेकिन आए नहीं।