महिला आरक्षण बिल को संसद से पास कराने के बाद से मोदी सरकार जहां इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है, वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बिल को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उमा भारती महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटा नहीं रखने से अपनी पार्टी से नाराज है और इसको लेकर उन्होंने एक बार फिर सवाल उठा दिए है। पत्रकारों से बातचीत में उमा भारती ने महिला आरक्षण में ओबीसी महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की है। उमा भारती ने कहा है कि बिना ओबीसी महिला आरक्षण के इसे लागू नहीं होने देंगे।
60 फीसदी आबादी को उनका स्थान दिलकर रहूंगी
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने महिला आरक्षण में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के आरक्षण को लेकर शनिवार को बैठक की। बैठक में ओबीसी महिलाओं को विशेष स्थान दिलाने के लिए मंथन हुआ। उमा भारती ने कहा कि मैं 33 प्रतिशत महिला आरक्षण पर ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार के ऊपर दबाव बनाऊंगी। उनका संकल्प अब केवल पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को न्याय दिलाना है। उमा ने भी यह भी कहा कि मैं गरीब, गाय और समाज के लिए हमेशा लड़ती रही हूं और लड़ती रहूंगी। उन्होंने कहा कि मैं न अपनी पार्टी को कमजोर करना चाहती हूं और न अपनी सरकार को। मगर मैं 60 फीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हूं, उन 60 फीसदी आबादी को उनका स्थान दिलवाकर रहूंगी। बता दें कि इस संबंध में उमा भारती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिख चुकी हैं।
महिला आरक्षण पर I.N.D.I.A गठबंधन का फॉर्मूला एक
मोदी सरकार ने संसद में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ पेश कर दिया है। इस पर विपक्षी पार्टियों की ओर से सबसे बड़ा हमला ओबीसी समुदाय की महिलाओं को अलग से आरक्षण दिए जाने को लेकर किया जा रहा है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इसी मुद्दे के सहारे केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का कोटा होना चाहिए। कांग्रेस के अलावा अन्य तमाम पार्टियां ओबीसी कार्ड खेल रही हैं। जिसमें आरजेडी, जेडीयू, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत अन्य सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियां महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रही हैं।